मामल्लापुरम समुद्र तट पर सूर्य की तरोताजा करने वाली किरणों, सागर की सरसराती लहरों और सुबह के शांत वातावरण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने विचारों को कविता की माला में पिरोने के लिये प्रेरित किया।मोदी ने कहा कि समुद्र तट पर सैर करते हुए वह सागर के साथ ‘‘संवाद’’ में खो गए। उन्होंने रविवार को हिंदी में ट्विटर पर लिखा, ‘‘ये संवाद मेरा भाव-विश्व है। इस संवाद भाव को शब्दबद्ध करके आपसे साझा कर रहा हूं।’’ पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा है। ‘कल महाबलीपुरम में सवेरे तट पर टहलते-टहलते सागर से संवाद करने में खो गया। ये संवाद मेरा भाव-विश्व है। इस संवाद भाव को शब्दबद्ध करके आपसे साझा कर रहा हूं।’
कल महाबलीपुरम में सवेरे तट पर टहलते-टहलते सागर से संवाद करने में खो गया।
ये संवाद मेरा भाव-विश्व है।
इस संवाद भाव को शब्दबद्ध करके आपसे साझा कर रहा हूं- pic.twitter.com/JKjCAcClws
— Narendra Modi (@narendramodi) 13 October 2019
मोदी ने शनिवार को समुद्र तट पर ‘प्लॉंगिंग’ (सुबह की सैर के दौरान प्लास्टिक की बोतल आदि कचरों को चुनना) का अपना तीन मिनट का एक वीडियो जारी किया जिसमें वह कूड़ा उठाते और लोगों से सार्वजनिक स्थानों को साफ एवं स्वच्छ रखने की अपील कर रहे हैं।
आठ पैराग्राफ में लिखी कविता में मोदी ने सागर के सूर्य से संबंध, लहरों और उनके दर्द को बताया है।उनका कविता संग्रह ‘‘एक यात्रा’’ पहले ही उपलब्ध है।गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से अनौपचारिक मुलाकात के लिए तमिलनाडु का प्राचीन शहर महाबलीपुरम चुना था। चीनी राष्ट्रपति जी चिंफिंग दो दिवसीय भारत दौरे पर थे। इसके बाद वह नेपाल की यात्रा पर गए। भारत ने इस दौरान कूटनीतिक संदेश देने की कोशिश कि कश्मीर के मुद्दे पर चीन पाकिस्तान के साथ नहीं बल्कि भारत के साथ खड़ा है।
(भाषा इनपुट्स के साथ)