नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बन गए हैं। रविवार शाम 7:15 बजे उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। पीएम मोदी के साथ 72 मंत्रियों ने भी शपथ ली। 2014 में एनडीए के 45 और 2019 में एनडीए के 57 मंत्रियों ने शपथ ली थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले दम पर बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में एनडीए के सहयोगियों को मंत्रिमंडल में अधिक हिस्सेदारी मिली है।

बीजेपी के सहयोगियों की बढ़ी हिस्सेदारी

रविवार को भाजपा के 61 और बीजेपी के सहयोगी दलों के 11 मंत्रियों ने शपथ ली। इस 11 में से 5 मंत्री कैबिनेट रैंक के हैं, जबकि 2014 में केवल पांच सहयोगी दलों के मंत्रियों ने शपथ ली थी, जिसमें से चार कैबिनेट मंत्री थे। वहीं 2019 में चार मंत्रियों (बीजेपी के सहयोगी दलों के) ने शपथ ली थी। इसमें तीन 3 कैबिनेट मंत्री थे।

2014 में मंत्रिपरिषद में केवल 23 कैबिनेट मंत्री, 10 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 12 राज्य मंत्री थे। अब 2024 में पीएम मोदी ने 30 कैबिनेट मंत्रियों, पांच MoS (स्वतंत्र) और 37 राज्य मंत्रियों को शामिल किया है।

रविवार को राष्ट्रपति भवन में जो बात नज़रअंदाज नहीं की जा सकती थी, वह थी शपथ ग्रहण के क्रम में स्पष्ट बदलाव। जेपी नड्डा वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, निर्मला सीतारमण से पहले बैठे थे। जबकि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, उनके बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में जेपी नड्डा से पहले शपथ ली।

नए मंत्रिमंडल से निरंतरता दिख रही है लेकिन नए चेहरों के शामिल होने से बदलाव का मतलब है कि पार्टी में प्राथमिकता का क्रम बदल गया है। हालांकि पीएम मोदी के प्रमुख सिपहसालार बने हुए हैं। शिवराज चौहान और हरियाणा से मनोहर लाल खट्टर बड़े नए चेहरे हैं। नई सरकार की शीर्ष पंक्ति में अब पीएम मोदी के अलावा छह पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जिनमे राजनाथ सिंह (उत्तर प्रदेश), शिवराज चौहान (मध्य प्रदेश में चार कार्यकाल), मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा में दो कार्यकाल), सर्बानंद सोनोवाल (असम), जीतन राम माझी (बिहार) और एच डी कुमारस्वामी (कर्नाटक में दो कार्यकाल) शामिल हैं।

कौन होगा पार्टी अध्यक्ष?

जेपी नड्डा के मंत्रिमंडल में दोबारा शामिल होने का मतलब यह भी है कि भाजपा को एक नया पार्टी अध्यक्ष चुनना होगा। शिवराज चौहान, मनोहर लाल खट्टर के साथ भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र शेखावत, का नाम अध्यक्ष पद के लिए चल रहा था लेकिन अब वे भी अब मंत्रिमंडल में हैं।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और आरएसएस नेताओं के बीच चर्चा के दौरान यह मुद्दा उठा। हालांकि संघ इस पद के लिए चयन में अहम भूमिका निभाएगा। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक ऐसे नेता हैं, जिनके संघ नेताओं के साथ अच्छे हैं, वह एक विकल्प हो सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि अन्य अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में महाराष्ट्र के नेता विनोद तावड़े, ओबीसी नेता के लक्ष्मण और पार्टी के वरिष्ठ नेता ओपी माथुर शामिल हैं।

ऐसा लगता है कि शपथ ग्रहण की कतार गठबंधन सहयोगियों की संख्या बल के बजाय सदस्यों के अनुभव और कद के आधार पर तय की गई है। कुमारस्वामी की पार्टी जद (एस) के सिर्फ दो सदस्य हैं, लेकिन रविवार को शपथ लेने वाले 30 कैबिनेट मंत्रियों की सूची में वह दसवें स्थान पर थे। टीडीपी के राम मोहन नायडू और जेडीयू के राजीव रंजन ‘ललन’ सिंह ने बाद में शपथ ली।