प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकुंभ को भारत के इतिहास में अहम मोड़ करार दिया। पीएम ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि दुनिया ने देश के विराट स्वरूप को देखा और यह सबका प्रयास का साक्षात स्वरूप था। उनके इस बयान पर विपक्ष ने पलटवार किया। राहुल गांधी ने जहां पीएम के भगदड़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि नहीं देने पर सवाल उठाए तो वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि विपक्ष को भी बोलने का मौका दिया जाना चाहिए।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ पर दिए गए भाषण पर कहा, “मैं प्रधानमंत्री की बात का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारी परंपरा है, संस्कृति है, इतिहास है। एक शिकायत थी कि प्रधानमंत्री ने जिनकी मृत्यु हुई उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी। जो युवा कुंभ में गए उन्हें प्रधानमंत्री से रोजगार चाहिए और प्रधानमंत्री को उस पर भी बोलना चाहिए था।” उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में नेता प्रतिपक्ष को तो बोलने का मौका दिया जाना चाहिए था लेकिन नहीं देते हैं, यह नया भारत है।”

पीएम महाकुंभ पर सकारात्मक बोल रहे थे- प्रियंका गांधी

वहीं, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में महाकुंभ पर प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य पर कहा, “वह महाकुंभ पर सकारात्मक बोल रहे थे। विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था क्योंकि विपक्ष की भी इसके प्रति भावनाएं हैं और अगर हम अपनी बात रखते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। विपक्ष को भी दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी।”

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प्रधानमंत्री ने एकतरफा बयान दिया- सपा सांसद

वहीं, दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ पर दिए गए बयान पर कहा, “प्रधानमंत्री ने एकतरफा बयान दिया और सदन से चले गए। बेहतर होता कि महाकुंभ पर बड़ी चर्चा होती। नेताजी की सरकार में महाकुंभ हुआ, अखिलेश यादव के नेतृत्व में भी हुआ और इन सरकारों में महाकुंभ का आयोजन बहुत अच्छे और भव्य तरीके से हुआ। दुख की बात है कि इस बार महाकुंभ में भगदड़ मची, लोगों की जान गई। प्रधानमंत्री को सदन में बताना चाहिए था कि महाकुंभ में कितने लोग लापता हुए, कितने लोगों की मौत हुई और उनके परिवारों के लिए सरकार क्या करेगी और विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था।”

महाकुंभ पर लोकसभा में क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने निचले सदन में प्रयागराज महाकुंभ को लेकर दिए एक वक्तव्य में कहा कि महाकुंभ से ‘एकता का अमृत’ और कई अन्य अमृत निकले हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आज मैं इस सदन के माध्यम से देशवासियों को नमन करता हूं जिनकी वजह से महाकुंभ का सफल आयोजन हुआ है। महाकुंभ की सफलता में अनेक लोगों का योगदान है, मैं सभी कर्मयोगियों का अभिनंदन करता हूं।’’

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘‘मैं देश के श्रद्धालुओं, उत्तर प्रदेश की जनता और विशेषकर प्रयागराज की जनता का धन्यवाद करता हूं। जिस तरह से गंगा को लाने के लिए भगीरथ प्रयास हुआ था उसी तरह का महाप्रयास महाकुंभ में दिखाई दिया।” उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हमने अपनी राष्ट्रीय चेतना के जागरण के विराट दर्शन किए हैं। यह हमें नए संकल्पों की सिद्धि के लिए प्रेरित करती है। मोदी ने कहा, ‘‘महाकुंभ ने उन शंकाओं और आशंकाओं को उचित जवाब दिया है जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहती हैं।’’ उन्होंने कहा कि महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं और एकता का अमृत इसका बहुत पवित्र प्रसाद है। पढ़ें- देशभर के मौसम का हाल