देश की सुरक्षा स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सेना के वर्तमान और पूर्व प्रमुखों के साथ अलग-अलग अहम बैठक की। यह बैठक दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित हुई, जिसमें थलसेना, वायुसेना और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य सीमाओं पर बने तनावपूर्ण हालात, खासकर पाकिस्तान की ओर से हो रही गतिविधियों को लेकर चर्चा करना था।

देश की रक्षा नीति को और मजबूत बनाने के लिए सुझाव भी लिए

बैठक में प्रधानमंत्री ने न केवल मौजूदा हालात की समीक्षा की, बल्कि देश की रक्षा नीति को और मजबूत बनाने के लिए अनुभवी सैन्य अधिकारियों से सुझाव भी लिए। इसमें पूर्व सेना प्रमुख, पूर्व वायुसेना प्रमुख, पूर्व नौसेना प्रमुख मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि उनका अनुभव राष्ट्र के लिए ‘अमूल्य पूंजी’ है और मौजूदा समय में जब देश को बहुपक्षीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, तब उनकी भूमिका और भी अहम हो जाती है। उन्होंने सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपनी रणनीतिक सलाह और अनुभव के माध्यम से देश को सुरक्षित रखने में सरकार की मदद करें।

बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। हाल के दिनों में पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार फायरिंग की जा रही है। खासकर जम्मू-कश्मीर के उरी, पुंछ और कुपवाड़ा जैसे सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी सेना ने भारी हथियारों से हमला करने की कोशिश की है। भारतीय सेना ने इसका कड़ा जवाब दिया है और जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

कितने खतरनाक हैं तुर्की के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन? पाकिस्तान ने इन्हीं का किया इस्तेमाल

इससे पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी ने मौजूदा सेनाध्यक्ष, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के साथ बैठक की।

भारतीय विदेश मंत्रालय और सेना द्वारा शुक्रवार को की गई एक संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया गया कि पाकिस्तान ने आधी रात के समय भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। भारतीय सेना ने इस हमले को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया है और इसका करारा जवाब दिया गया है। इस प्रेस वार्ता में यह भी बताया गया कि पाकिस्तान की ओर से LoC पर तोपों और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार थी और हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया गया।

देश की खातिर कुर्बान हो गया मजदूर का 25 साल का इकलौता बेटा, LoC पर पाकिस्तान की गोलीबारी का दिया मुंहतोड़ जवाब

इस सुरक्षा संकट का असर देश के अन्य हिस्सों पर भी पड़ा है। दिल्ली एयरपोर्ट से 129 घ रेलू उड़ानों को रद्द करना पड़ा है, जबकि 9 अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स भी प्रभावित हुई हैं। एयर ट्रैफिक में इस तरह की रुकावटें सामान्य नहीं मानी जातीं, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए यह ऐहतियातन कदम उठाए गए हैं। इसके साथ ही देश के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और सुरक्षाबलों की तैनाती और भी मज़बूत कर दी गई है।

प्रधानमंत्री मोदी की यह बैठक केवल एक सामान्य बातचीत नहीं थी, बल्कि एक रणनीतिक पहल थी, जिसमें अनुभवी दिग्गजों की मदद से आने वाले समय के लिए ठोस नीति तैयार करने की कोशिश की गई। इस बैठक ने यह संकेत भी दिया कि भारत अब सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं है और सरकार पूरी तरह सजग और सक्रिय है।

यह भी साफ हो गया है कि केंद्र सरकार सीमाओं की स्थिति को लेकर गंभीर है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में भारत की सुरक्षा नीति में कौन-कौन से अहम बदलाव किए जाते हैं।