देश के 74 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान’’ को प्रारंभ करने की घोषणा की। इसके तहत हर नागरिक को एक स्वास्थ्य पहचान पत्र मिलेगा, जो मेडिकल सेवाओं तक पहुंच आसान बनाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान’ स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति लेकर आएगा। इससे लोगों की स्वास्थ्य तक पहुंच आसान होगी। इसके तहत लोगों को मिलने वाले स्वास्थ्य पहचान पत्र में दवा, डॉक्टर और रिपोर्ट्स आदि की सभी जानकारियां समाहित होंगी।

क्या हैं खास बातें: राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन एक डिजिटल स्वास्थ्य तंत्र होगा जिसमें देश के हर नागरिक की स्वास्थ्य आइडी होगी। जिसमें सम्बंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य का पूरा विवरण मौजूद होगा। इसके साथ ही उसमे देश भर के डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं का रिकॉर्ड भी उपलब्ध होगा। इस डिजिटल माध्यम के 4 प्रमुख पहलू होंगे- स्वास्थ्य आइडी, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, डिजिटल डॉक्टर और स्वास्थ्य सुविधाओं का ब्यौरा।

यह स्वास्थ्य आइडी देश के सभी राज्यों के अस्पतालों, स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रयोगशालाओं में मान्य होगी। कुछ समय बाद इस अभियान में ई-फोर्मेसी और टेलीमेडिसिन सेवाएँ भी सम्मिलित होंगी। यह माध्यम पूरी तरह स्वैच्छिक होगा। जो व्यक्ति इस अभियान का हिस्सा बनना चाहेगा वो एप्लीकेशन पर स्वयं  को रजिस्टर कर सकेगा। इसमें व्यक्ति, डॉक्टरों, स्वास्थ्य संस्थाओं की निजता का भी ध्यान रखा जाएगा। उनके द्वारा दी गई किसी भी जानकारी को उनकी अनुमति के बिना साझा नहीं किया जाएगा।

इस अभियान के तहत डॉक्टर्स भी खुद को एप्लीकेशन पर पंजीकृत कर सकेंगे। इसके बाद उन्हें डिजिटल हस्ताक्षर भी सौंपे जायेंगे जिससे वे रोगी को ऑनलाइन देखकर उसका पर्चा भी बना सकेंगे। आयुष्मान भारत योजना को लागू कराने वाली नेशनल हेल्थ अथॉरिटी को इस योजना के लिए एप्लीकेशन और वेबसाइट बनाने का कार्य सौंपा गया है। वित्त मंत्रालय ने इस योजना के लिए 470 करोड़ रूपये का बजट पास कर दिया है।