जी20 में शामिल विदेशी मेहमानों के सम्मान में राष्ट्रपति के रात्रिभोज में देश के सभी मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। अधिकतर मुख्यमंत्री भोज में शामिल होने के लिए नई दिल्ली पहुंच गये हैं। सबसे खास बात यह है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार का करीब डेढ़ साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सामना होगा। पहले बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी। बाद में नीतीश कुमार एनडीए से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का साथ पकड़ लिये और भाजपा के बजाए आरजेडी के साथ सरकार बना ली। इस मुलाकात पर कई दलों के नेताओं की नजर है।

विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में संयोजक बनाने को लेकर नीतीश के नाम की चर्चा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अंतिम बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लखनऊ में योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में 25 मार्च 2022 में हुई थी। पिछले कुछ समय से विपक्षी दलों का गठबंधन आईएनडीआईए में संयोजक बनाने को लेकर नीतीश कुमार के नाम की चर्चा है। हालांकि नीतीश कुमार इस पद को संभालने से मना कर दिये हैं। इस गठबंधन को बनाने की पहल नीतीश कुमार ने ही की थी। 2024 में लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को हटाने के लिए विपक्षी दलों ने यह गठबंधन बनाया है। इस गठबंधन में फिलहाल कांग्रेस और जदयू, एनसीपी, टीएमसी समेत 28 दल हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू का रात्रिभोज शनिवार को है। इसमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं। हालांकि कांग्रेस शासित कई राज्यों के सीएम ने भोज का बहिष्कार कर दिया है। उनका कहना है कि भोज में उनकी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित नहीं किया गया है। मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के अध्यक्ष के साथ ही राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। प्रोटोकाल के मुताबिक उनका पद कैबिनेट मंत्री के बराबर है और सातवें नंबर पर आता है।

उनको नहीं बुलाए जाने से पार्टी में काफी नाराजगी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने विदेश में इसको लेकर बयान दिया है और इसे लोकतंत्र का अपमान बताया है। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि भोज में किसी भी विपक्षी दल को नहीं बुलाया गया है। जिन राज्यों में विपक्ष की सरकार है, वहां के मुख्यमंत्रियों को मुख्यमंत्री होने के नाते बुलाया गया है, विपक्षी दल के नेता के रूप में न्योता नहीं दिया गया है।