प्रधानमंत्री मोदी गुयाना में राजकीय यात्रा पर हैं। इस दौरान पीएम ने गुयाना की संसद के विशेष सत्र में भाग लिया और संबोधित किया। यह ऐतिहासिक यात्रा है क्योंकि 56 वर्षों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री गुयाना की यात्रा पर है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। पीएम ने कहा कि आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम सबसे पहल वहां पहुंचे। यहां जानिए पीएम के संबोधन की बड़ी बातें:
- पीएम मोदी ने गुयाना में अपने संबोधन के दौरान कहा कि एक समावेशी समाज के निर्माण में लोकतंत्र से बड़ा कोई माध्यम नहीं। लोकतंत्र हमारे डीएनए में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है। इसलिए जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपने G20 प्रेसिडेंसी के दौरान ONE EARTH, ONE FAMILY का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने ONE EARTH, ONE HEALTH का संदेश दिया।
- पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व के सामने आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है- DEMOCRACY FIRST, HUMANITY FIRST. यह भावना हमें सिखातीहै कि सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है।
- पीएम ने कहा कि गयाना ने मुझे कल ही सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यहां के सभी नागरिकों को बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं यह सम्मान भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।
- पीएम ने कहा कि दुनिया के लिए यह समय CONFLICT का नहीं है, यह समय ऐसी समस्याओं को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेररिज्म, ड्रग्स, साइबर क्राइम… ऐसी कितनी भी चुनौतियां हैं जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे।
- पीएम ने आगे कहा कि हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम RESOURCES पर कब्जे की, RESOURCES को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। आज भारत हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है, शांति के पक्ष में खड़ा है। इसी भावना के साथ आज भारत ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। पीएम ने आगे कहा कि G20 समिट के दौरान भारत ने वीमेन लेड डेवलपमेंट को एक बड़ा एजेंडा बनाया था। भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं उनमें से सिर्फ 5 प्रतिशत महिलाएं है, जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं उनमें से 15 प्रतिशत महिलाएं हैं।