किसानों की सहायता के लिए केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत की थी। ताकि किसानों को अपनी खेती के लिए ज्यादा कर्ज लेना न पड़े। खेती की जरुरत पड़ने पर वे इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकें। इस योजना के तहत किसानों को हर चार महीनों पर 2,000 रुपये दिए जाते हैं। यानी सालाना किसानों को 6,000 रुपये मिलते हैं।
अभी तक पीएम किसान योजना के तहत 10वीं किस्त जारी की जा चुकी है और 11वीं किस्त जारी होनी है। इसी बीच में बिहार के सहरसा जिले में बड़ी संख्या में किसान इस योजना से वंचित हैं। इन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। यहां करीब तीन लाख 44 हजार आवेदकों में से एक लाख 14 हजार को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
क्या है वजह
ये किसान राजस्व कर्मचारियों व अंचल निरीक्षकों की लापरवाही के कारण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे किसान कार्यालयों का चक्कर लगाकर परेशान हो रहे हैं। जिले में कैम्प लगाकर इस योजना के तहत आवेदन किया गया था। जिसके तहत तीन लाख 44 हजार 535 किसानों ने अबतक आवेदन किया है। इसमें से अभी तक दो लाख 86 हजार 343 आवेदन अग्रसित किया गया है।
किसान दफ्तरों के लगा रहे चक्कर
यहां कुछ किसानों को तकनीकी खराबी को लेकर भी वापस किया गया है। इसमें अपर समाहर्ता स्तर से दो लाख 29 हजार 568 आवेदन अग्रसारित किया गया।किसानों का आवेदन राजस्व कर्मचारी से लेकर विभिन्न अंचलों के अंचलाधिकारी के यहां पड़ा हुआ है। किसान इसके लिए दौड़भाग कर रहे हैं, परंतु राजस्वकर्मियों की मनमानी के कारण कागजातों का सत्यापन नहीं हो पाने से बड़ी संख्या में लोग योजना के लाभ से वंचित हैं।
जिला कृषि पदाधिकारी सहरसा के दिनेश प्रसाद सिंह ने कहा कि विभाग में आनलाइन आवेदन होने के बाद इसे संबंधित अंचल को भेजा जाता है। अंचल कार्यालय से लेकर अपर समाहर्ता स्तर तक जमीन संबंधी कागजात के सत्यापन के बाद ही भुगतान के लिए भेजा जाता है। इसमें तेजी आई है। उम्मीद है कि जल्द ही सभी लंबित आवेदनों का निष्पादन कर लिया जाएगा।