प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत परिवार के किसी एक सदस्य को ही योजना का लाभ मिल सकता है, लेकिन पाया गया है कि पति और पत्नी – दोनों को ही इसकी राशि मिल रही है। केंद्र सरकार ने समीक्षा के बाद पीएम-किसान योजना के 31 लाख मामलों को चिन्हित किया है। अभी तक 19.02 लाख लाभार्थियों का सत्यापन पूरा हो चुका है। इनमें से 17.87 लाख यानी 93.98 फीसद लाभार्थियों के पति-पत्नी होने की पुष्टि हो चुकी है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाए गए एक व्यापक जांच अभियान के दौरान यह खुलासा हुआ है। कृषि मंत्रालय ने राज्यों को पत्र भेजकर 15 अक्तूबर तक सत्यापन कार्य पूरा करने को कहा है। सभी भूमिधारक किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत, केंद्र सरकार द्वारा तीन किश्तों (प्रत्येक किश्त 2,000 रुपए) में 6,000 रुपए प्रति वर्ष आनलाइन जारी किए जाते हैं। रकम को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से पात्र किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा कराया जाता है।

किसी एक सदस्य को मिलना चाहिए योजना का लाभ

परिचालन दिशानिर्देशों में भूमिधारक किसान परिवार को ‘पति, पत्नी और नाबालिग बच्चों’ वाले परिवार के रूप में परिभाषित किया गया है, जिनके पास संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के भूमि रेकार्ड के अनुसार खेती योग्य भूमि है।

केवल एक सदस्य पति, पत्नी या नाबालिग बच्चेही पीएम-किसान का लाभ उठा सकते हैं। मिली जानकारी के अनुसार मंत्रालय ने कथित तौर पर 1.76 लाख ऐसे मामलों की पहचान की है, जहां नाबालिग और एक ही घर के अन्य सदस्य पीएम-किसान लाभ प्राप्त कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने 33.34 लाख संदिग्ध मामलों की भी पहचान की है, जहां पूर्व भूस्वामियों का विवरण ‘अमान्य या रिक्त’ पाया गया है। एक फरवरी, 2019 के बाद भूमि हस्तांतरण वाले पंजीकृत किसानों के लिए, पीएम-किसान मानदंडों के अनुसार, पंजीकरण के दौरान पूर्व भूस्वामी का विवरण प्रदान करना अनिवार्य है। सूत्रों ने बताया कि पूर्व भूस्वामी को इस योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए। इस पैमाने पर जांच में पीएम-किसान लाभ प्राप्त करने वाले पूर्व और वर्तमान दोनों भूस्वामियों के 8.11 लाख संदिग्ध मामलों की पहचान की गई है।

पीएम किसान योजना से जुड़े इन लाभार्थियों के खातों को किया जाएगा रिव्यू, केंद्र सरकार ने संंदिग्ध के रूप में की पहचान

सूत्रों के अनुसार, पीएम-किसान योजना के तहत उत्तराधिकार के माध्यम से दाखिल खारिज की अनुमति है, लेकिन जांच के दौरान 8.83 लाख मामले ऐसे पाए गए, जिनमें दाखिल खारिज का कारण उत्तराधिकार के अलावा अन्य दर्ज किया गया था। हाल के वर्षों में, केंद्र ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि इस योजना का लाभ लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचे। उदाहरण के लिए, केंद्र ने एक जनवरी, 2025 से नए पीएम-किसान लाभार्थियों के नामांकन के लिए किसान पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया है।