पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लाखों किसान उठा रहे हैं। इसी बीच कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने आंकड़ा जारी किया है। जिसके हिसाब से पिछले दो महीनों में प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने वाली हर चौथी लाभार्थी महिला है। दरअसल, सरकार ने नए लाभार्थियों को योजना के बारे में जागरुक करने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत की। लगभग छह महीने पहले 15 नवंबर, 2023 को इसे लॉन्च किया गया था। इसका मकसद लोगों तक सरकारी योजनाओं के बारे में जागरुक करना है।
आंकड़ों के अनुसार, 15 नवंबर 2023 से 14 जनवरी 2024 के बीच पीएम-किसान के तहत जोड़े गए 40,50,375 लाभार्थियों में से 10,61,278 महिलाएं, 29,87,884 पुरुष और 1,213 अन्य लोग शामिल थे। इस योजना के तहत सबसे अधिक महिला लाभार्थियों को जोड़ने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश 1.69 लाख के साथ नंबर एक है। इसके बाद राजस्थान (1.56 लाख), मणिपुर (1.05 लाख), झारखंड (90,949) और केरल (66,887) हैं।
इन राज्यों में पुरुषों से अधिक है महिलाओं की संख्या
वहीं मेघालय, मणिपुर, नागालैंड और मिजोरम में नए लाभार्थियों की संख्या संख्या पुरुषों से अधिक थी। मेघालय में इस दौरान जोड़े गए 24,557 नए लाभार्थियों में से 68.96 प्रतिशत महिलाएं थीं। यह संख्या मणिपुर में 56.57 प्रतिशत, नागालैंड में 54.97 प्रतिशत और मिजोरम में 50.26 प्रतिशत थी। अरुणाचल प्रदेश के मामले में नए लाभार्थियों में 48.77 प्रतिशत महिलाएं थीं। वहीं असम (20.67 प्रतिशत महिलाएं) और त्रिपुरा (22.67 प्रतिशत महिलाएं) को छोड़कर सभी उत्तर-पूर्व राज्यों ने अखिल भारतीय औसत (26.20 प्रतिशत महिलाएं) से बेहतर प्रदर्शन किया।
15 नवंबर 2023 को पीएम-किसान लाभार्थियों का कुल आंकड़ा 8.12 करोड़ था। जिनमें से 6.27 करोड़ पुरुष और 1.83 करोड़ महिलाएं थीं। उत्तर प्रदेश सबसे अधिक महिला लाभार्थी 29.22 लाख हैं। इसके बाद बिहार (22.48 लाख), महाराष्ट्र (15.62 लाख), मध्य प्रदेश (14.84 लाख) और राजस्थान (14.75 लाख) हैं। कुल मिलाकर महिला लाभार्थियों का अधिकतम अनुपात मेघालय (70.33 प्रतिशत) में दर्ज किया गया। इसके बाद नागालैंड (55.84 प्रतिशत), अरुणाचल प्रदेश (52.63 प्रतिशत) और मणिपुर (51.85 प्रतिशत) का नंबर आता है। पीएम-किसान लाभार्थियों का सबसे कम अनुपात पंजाब में हैं। यह संख्या यहां सिर्फ 0.26 प्रतिशत बताया गया। असल में पंजाब में 4.59 लाख पीएम-किसान लाभार्थियों में से केवल 1,279 महिलाएं थीं।
दरअसल, यह योजना 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 24 फरवरी, 2019 को शुरू की गई थी। दिसंबर मार्च 2018-19 में पहली किस्त के समय लाभार्थियों की संख्या 3.03 करोड़ थी। हालांकि अप्रैल-जुलाई 2022 में यह संख्या 10.47 करोड़ तक पहुंच गई। अगस्त-नवंबर 2023 के दौरान यह संख्या घटकर 8.12 करोड़ हो गई। इस गिरावट ही कारण है केंद्र ने योजना के तहत लाभार्थियों को योजना के बारे में जागरुक करने का काम किया। सरकार का मकसद अधिक से अधिक लोगों तक इस योजना को पहुंचाना है।