देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का सिलसिला देखते हुए कुछ राज्‍यों में लोगों को थोड़ी राहत दी गई है। यह राहत मुख्‍य रूप से उन राज्‍यों मेें दी गई है, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं। कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रत‍ि लीटर से भी ज्‍यादा हो गई थी।

कहां क‍ितनी राहत: पश्‍चिम बंगाल में 22 फरवरी को पेट्रोल और डीजल पर एक रुपया वैट घटाया। इससे पहले राजस्‍थान ने 29 जनवरी को दो फीसदी कम कर वैट 36 फीसदी क‍िया था। असम ने भी 12 फरवरी को पेट्रोल पर पांच रुपए का लगाया अत‍िर‍िक्‍त टैक्‍स हटा ल‍िया था। यह टैक्‍स कोव‍िड से लड़ने के ल‍िए फंड जुटाने के ल‍िए लगाया गया था। इससे पहले मेघालय ने भी पेट्रोल की कीमत 7.40 रुपए प्रत‍ि लीटर और डीजल की 7.10 रुपए प्रत‍ि लीटर कम कर दी थी। मेघालय सरकार ने पहले दो रुपए की राहत दी और बाद में पेट्रोल-डीजल पर वैट भी घटा द‍िया था।

वैट वसूलने में मध्‍य प्रदेश देश में तीसरे नंबर पर: गौरतलब है कि देश में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा वैट-एक्साइज ड्यूटी राजस्थान में वसूला जाता है। राजस्थान में पेट्रोल पर 36 फीसदी और डीजल पर 26 फीसदी टैक्स लगता है। इसके बाद मणिपुर, तेलंगाना और कर्नाटक राज्य में पेट्रोल पर 35% टैक्स लगता है। तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 34% वैट लगता है। 4.5 रुपए अतिरिक्त कर भी लग रहा है।

पड़ोसी छत्‍तीसगढ़ में कम: छत्तीसगढ़ में वर्तमान में पेट्रोल पर वैट के रूप में 25 प्रतिशत प्लस 2 रुपए तथा डीजल पर 25 प्रतिशत प्लस 1 रुपए प्रति लीटर वसूला जाता है। इस वजह से छत्‍तीसगढ़ की तुलना में पड़ोसी मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र मेें पेेेेेेेट्रोल करीब दस रुपए प्रत‍ि लीटर महंगा पड़ जाता है।

कहां सबसे सस्ता है तेल? अंडमान और निकोबार द्वीप, पोर्ट ब्लेयर में पेट्रोल 75 रुपए के आसपास है। मेघालय के ईस्ट गारो हिल्स में यह करीब 85 रुपए प्रति लीटर है। वहीं चंडीगढ़ में इसकी कीमत लगभग 86 रुपए, असम में 86 रुपए के आसपास और अरुणाचल के ईंटानगर में 83 रुपए (ये आंकड़े 18-19 फरवरी के हैं) के इर्द गिर्द है।

मध्‍य प्रदेश सरकार ने की भारी कमाई: दिसंबर 2019 के मुकाबले दिसंबर 2020 में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों से मध्‍य प्रदेश सरकार की एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की आमदनी हुई है। कोरोनावायरस से बेहाल हुई अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के बावजूद अब तक ग्राहकों को टैक्स कटौती का इंतजार है। माना जा रहा है कि अगर यही हालात आगे जारी रहे, तो मार्च तक सरकार की कमाई दो हजार रुपए तक पहुंचने के आसार हैं।

लॉकडाउन में बढ़ी एक्साइज ड्यूटी, अब तक कमी नहीं: पिछले साल कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बाद सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी थी। दुनियाभर में लॉकडाउन के कारण कच्चे तेल की कीमतें दो दशक के निचले स्तर पर पहुंच गई थीं। इस दौरान सरकार ने दो बार में एक लीटर पेट्रोल पर 13 रुपए और डीजल पर 16 रुपए एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी थी। यह अभी बढ़कर पेट्रोल पर 33 रुपए और डीजल पर 32 रुपए प्रति लीटर के करीब पहुंच गई है। मध्य प्रदेश में भी 6 मई 2020 को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) बढ़ा था। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल के दाम 71.26 रुपए थे। लेकिन पेट्रोल के दाम तब से 15 रुपए लीटर तक बढ़ चुके हैं, टैक्स में भी कटौती नहीं हुई है।