देश में हरित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि बैटरी, मेथनाल और एथेनाल से चलने वाले वाहनों को कोई परमिट शुल्क नहीं देना होगा। पेट्रोल या डीजल श्रेणी के तहत पंजीकृत होने वाले वाहनों को बीस हजार से लेकर तीन लाख तक परमिट शुल्क का प्रावधान होगा। यह नई व्यवस्था एक मई से लागू होगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने नए पर्यटन यान नियम तैयार किए है और नियमों को आखिल भारतीय पर्यटन यान (परमिट) नियम 2023 के नाम से जाना जाएगा।
डीजल या पेट्रोल वाहनों को तय प्रावधानों के तहत चार से कम क्षमता वाली गाड़ी के लिए बीस हजार, पांच या इससे अधिक लेकिन दस से कम सीट पर तीस हजार, दस या दस से अधिक लेकिन तेईस से कम सीट पर अस्सी हजार और तेईस या इससे अधिक सीट पर तीन लाख रुपए की वार्षिक परमिट शुल्क का भुगतान करना होगा।
बैटरी, मेथनाल, एथेनाल ईंधन से चलने वाले वाहन को केंद्र सरकार बिना किसी शुल्क के चलाने की अनुमति जारी करेगी। नए नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि किसी भी श्रेणी में सात दिन के अंदर यह अनुमति जारी करनी होगी। केवल अधूरे आवेदन ही संबंधित एजंसियों के माध्मय से अस्वीकार किए जाएंगे।
वाहनों की पहचान सुनिश्चित करेगा चिन्ह : वाहनों को आसानी से पहचाना जा सके। इसके लिए मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अखिल भारतीय पर्यटक परमिट वाले वाहनों को स्पष्टतौर पर अपने वाहन के पीछे बाई और नीले रंग की पृष्ठभूमि में सफेद अक्षरों से परमिट की वैधता के साथ आखिल भारतीय परमिट शब्द लिखेंगे। इसमें परमिट की वैधता को भी स्पष्ट करना होगा। प्रावधानों में केंद्र सरकार ने संघ व राज्य सरकारो के बीच संग्रहित किए जाने वाले शुल्क का निर्धारण भी मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है।
इसके अतिरिक्त नए नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1990 नियम 82 से 85 (क) के तहत चिहिन्त शर्ते अखिल भारतीय पर्यटक परमिट पर लागू नहीं होगी। परिवहन प्राधिकरण ऐसे वाहन जिसे अखिल भारतीय पर्यटन परमिट प्रदान किया गया है, उसके परमिट में गड़बड़ी पाए जाने पर रद्द भी कर सकता है। इसमें तय नियमों का उल्लंघन, परमिट धारक का स्वामित्व समाप्त होने पर और किसी विदेश की नागरिता प्राप्त होने जैसे प्रावधान शामिल किए गए हैं।