पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने फोन हैक की जानकारी होने की बात कही तो सीजेआई एनवी रमन्ना ने सवाल किया कि आपको फ़ोन हैक की जानकारी थी तो FIR क्यों नहीं करवाई? काटजू ने सीजेआई के सवाल को पोस्ट किया तो सोशल मीडिया पर लोगों ने रोचक अंदाज में जवाब दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने आज की सुनवाई में कहा कि पेगासस के बारे में अगर रिपोर्ट सही है तो ये मसला गंभीर है। कोर्ट ने याचिका डालने वाले लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने इस बारे में FIR दर्ज करने का कोई प्रयास किया है। सीजेआई एनवी रमन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि वे अपनी याचिकाओं की प्रतियां केंद्र को मुहैया कराई जाएं, ताकि 10 अगस्त को इस मामले में सरकार की ओर से नोटिस स्वीकार करने के लिए कोई कोर्ट में मौजूद रहे। अदालत का सवाल था कि मामला अभी क्यों उठा है जबकि यह 2019 में ही सामने आ गया था।
बेंच ने एडवोकेट कपिल सिब्बल से कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता शिक्षित और जानकार व्यक्ति हैं और उन्हें और अधिक सामग्री एकत्र करने के प्रयास करने चाहिए थे। बेंच ने कहा कि वह यह नहीं कहना चाहती कि ये रिपोर्ट विश्वसनीय नहीं हैं। सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि पहले याचिकाकर्ताओं की जानकारी तक पहुंच नहीं थी और पेगासस स्पाइवेयर केवल सरकार और उसकी एजेंसियों को बेचा जाता है।
उन्होंने कहा कि रिपोर्टों के अनुसार, पत्रकारों, प्रमुख हस्तियों, संवैधानिक पदाधिकारियों, अदालत के रजिस्ट्रार और अन्य को निशाना बनाया गया। सरकार से पूछा जाना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि पेगासस एक खतरनाक तकनीक है। ये हमारी जानकारी के बिना जीवन में घुसपैठ करती है। सिब्बल ने पूछा कि सरकार ने इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की क्योंकि यह नागरिकों की सुरक्षा और निजता से जुड़ा मामला है।
CJI- “My question is if you know the phone is hacked, then why wasn’t an FIR lodged? That is the only question,”
— Markandey Katju (@mkatju) August 5, 2021
They can’t, they want to disrupt parliament
— kya karoge (@jagan7_u) August 5, 2021
If he does so, next day he will be no more!!
— 爪. 卂尺丨千 ᗪ 乃卂ㄥㄖ匚卄 (@arifdomki) August 5, 2021
कोर्ट ने वकील एमएल शर्मा को पक्षकारों के मेमो में संशोधन करने की अनुमति दी, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री को पक्षकार बनाया है। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त तय की गई है। बेंच ने ये भी कहा कि हमें नहीं पता कि हम किस मामले में नोटिस जारी करेंगे। उन्हें नोटिस प्राप्त करने के लिए हमारे समक्ष आने दीजिये और हम उसके बाद देखेंगे।
उधऱ, सोशल मीडिया पर काटजू के ट्वीट पर लोगों ने अपने तरह से प्रतिक्रिया दी। क्या करोगे हैंडल से ट्वीट किया गया कि उन्हें केवल संसद को ठप करना है। एक ने लिखा-अगर वो ऐसा करते तो अगले दिन जिंदा नहीं रहते।