Jammu and Kashmir Pulwama’s Awantipora Terror Attack Updates: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार (19 फरवरी) को कहा कि पाकिस्तान को पुलवामा हमले के लिए सबूतों के आधार पर ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि उनकी कथनी और करनी एक होनी चाहिए। बहरहाल, महबूबा ने कहा कि खान को एक अवसर मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान की कमान संभाली है।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘असहमत। उन्हें (पाकिस्तान को) पठानकोट हमले पर डोजियर दिया गया था, लेकिन षड्यंत्रकारियों को दंडित करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह समय कथनी और करनी एक होने का है।’’ महबूबा ने कहा, ‘‘…पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को एक अवसर मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने हाल ही में कमान संभाली है। नि:संदेह (भारत में) युद्ध उन्माद का आसन्न चुनावों से ज्यादा संबंध है।’’

बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को भारत को भरोसा दिलाया कि यदि वह पुलवामा आतंकवादी हमले में ‘‘कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी’’ साझा करता है तो साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन साथ ही ‘‘बदले की ’’ कोई भी कार्रवाई किए जाने को लेकर आगाह किया। खान ने कश्मीर में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत के आरोपों पर राष्ट्र के नाम पैगाम में एक वीडियो संदेश के जरिए प्रतिक्रिया दी।

खान ने कहा कि जब भी कश्मीर में कोई घटना होती है, तो भारत पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता है और पाकिस्तान को बार-बार ‘‘बलि का बकरा’’ बनाता है। उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान मामले की तरह कश्मीर मामला भी वार्ता के जरिए सुलझेगा।’’ इमरान ने कहा, ‘‘यदि आपके पास किसी पाकिस्तानी की संलिप्तता के बारे में ऐसी कोई खुफिया जानकारी है जिसके आधार पर कार्रवाई की जा सकती है, तो वह जानकारी हमें दीजिए। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम कार्रवाई करेंगे। हम ऐसा इसलिए नहीं करेंगे क्योंकि हम दबाव में हैं, बल्कि हम इसलिए ऐसा करेंगे क्योंकि वे पाकिस्तान के दुश्मनों की तरह काम कर रहे हैं।’’

खान ने कहा कि पाकिस्तान ‘‘क्षेत्र में स्थिरता’’ चाहता है। उन्होंने कहा कि वह यह बात समझते हैं कि भारत में इस साल चुनाव होने हैं और पाकिस्तान को दोषी ठहराकर लोगों के वोट हासिल करना आसान हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि बेहतर समझ विकसित होगी और भारत वार्ता करने के लिए तैयार होगा।