पीडीपी के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में मौजूद थे। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि बेग जम्मू-कश्मीर में भाजपा में शामिल हो सकते हैं। पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में से एक बेग कश्मीर के एक प्रमुख नेता हैं।
हाल ही में अन्य दलों के कई प्रमुख आदिवासी नेता भाजपा में शामिल हुए हैं, ऐसे में अगर मुजफ्फर हुसैन बेग ऐसा करते हैं तो वह कश्मीर में बीजेपी से आने वाले पहले पहाड़ी नेता होंगे। हालांकि, मुजफ्फर हुसैन बेग ने न तो इस बात की पुष्टि की और न ही खंडन किया कि वह भाजपा में शामिल होंगे या नहीं। इसके बजाय उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कोई अपने प्रधानमंत्री को सुनने नहीं आ सकता? रैली में उपस्थिति को अपना कर्तव्य बताते हुए बेग ने कहा, “शामिल होना जरूरी नहीं है लेकिन उनके कार्यक्रम के अनुसार अपना कर्तव्य निभाऊंगा। किसी भी पार्टी में शामिल होना एक राष्ट्र के बड़े लक्ष्य को विफल करता है।”
पीडीपी नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ उनके अच्छे संबंध रहे
पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए पीडीपी नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ उनके हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं और उनके नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर विकास हुआ है, कश्मीर ने 500 प्रतिशत विकास देखा है।” उन्होंने कहा, “जब मैं सरकार (जम्मू-कश्मीर में मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली पीडीपी-कांग्रेस सरकार) में था, तब से मेरे पीएम मोदी के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। उन्होंने मुझसे कभी मेरी पार्टी के बारे में नहीं पूछा बल्कि हमेशा पूछते थे कि हमारे लोगों को क्या चाहिए।”
बेग ने यह भी कहा कि इस धारणा के विपरीत कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के कारण मोदी सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव में कश्मीर में नुकसान का सामना करना पड़ेगा, वह यहां अच्छा प्रदर्शन करेगी। 1990 के दशक के अंत में पीडीपी की स्थापना के बाद से उससे जुड़े बेग के जिला विकास परिषद चुनावों के टिकटों को लेकर पार्टी के साथ मतभेद हो गए थे।
पीडीपी में दोबारा हुए शामिल
मार्च 2021 में वह औपचारिक रूप से सज्जाद लोन के पीपल्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए लेकिन कुछ महीने बाद ही उन्हें निष्कासित कर दिया गया। वह पिछले महीने ही पीडीपी में फिर से शामिल हो गए। जिसके बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि उन्होंने कभी पीडीपी छोड़ी ही नहीं थी। पीडीपी नेता उनकी वापसी से बहुत खुश नहीं थे क्योंकि बेग को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के पार्टी के फैसले के विपरीत रुख अपनाते हुए देखा गया था। वहीं, केंद्र द्वारा निर्णय लेने के बमुश्किल छह महीने बाद जनवरी 2020 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
पीएम की रैली में बेग की मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर पीडीपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि बेग कभी भी औपचारिक रूप से पार्टी में दोबारा शामिल नहीं हुए।
हाल ही में, INDIA गठबंधन में जम्मू-कश्मीर के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत में समस्याओं के बीच, ऐसी अटकलें थीं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस भाजपा के साथ बातचीत कर रही है। हालांकि वरिष्ठ एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने इसका खंडन किया। इन अफवाहों को पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने यह दावा करते हुए हवा दी कि एनसी लंबे समय से भाजपा के साथ गठबंधन की मांग कर रही थी, जिस पार्टी के साथ उसका पहले भी संबंध रहा है।
