Congress Press Conference: कांग्रेस की आज एक बड़ी बैठक हुई। इस मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने सीजफायर को लेकर पीएम मोदी से कई सवाल पूछे और कहा कि इन सवालों का सरकार को जवाब देना चाहिए। हालांकि, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें एक पत्रकार ने तुर्की के बायकॉट को लेकर सवाल किया तो कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और जयराम रमेश एक दूसरे की तरफ माइक को घुमाते हुए नजर आए। फिर कुछ सेकंड में पवन खेड़ा कहते हैं कि हम जल्द इस पर भी आपसे मुखातिब होंगे। इसका एक वीडियो बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया है।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा, ‘तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान के आतंकी राज्य को दिए जा रहे समर्थन से देश गुस्से में है। इन देशों के साथ ट्रेड और टूरिज्म का बहिष्कार करने की मांग बढ़ रही है और नागरिक एकजुटता में खड़े हो रहे हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी खुद को भारतीय लोगों की व्यापक भावना के साथ भी नहीं जोड़ पा रही है। कोई आश्चर्य नहीं कि यह जनता से इतनी कटी हुई है। यह अपनी राजनीतिक गुमनामी और पूर्ण अलगाव की हकदार है।’
अमित मालवीय के ट्वीट पर पवन खेड़ा का पलटवार
अमित मालवीय की पोस्ट पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पलटवार किया है। पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘चूकि यह सवाल भाजपा के एक आधिकारिक व्यक्ति उठा रहा है, पीएमओ और एस जयशंकर देश के सामने यह स्पष्ट करें कि क्या सरकार ने तुर्की का राजदूतावास बंद कर दिया है और उस देश से सारे कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्ते तोड़ दिए हैं। किस देश के प्रति क्या रिश्ते रखने हैं, यह निर्णय सरकार को लेना होता है, विपक्ष को नहीं। सरकार तुरंत स्थिति स्पष्ट करे।’
कांग्रेस नेताओं ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार से कई सारे सवाल पूछे। जयराम रमेश ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी लगातार सवाल कर रही है कि सीजफायर की पहली घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने क्यों की? लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में कुछ नहीं बोलते हैं। वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री कहते हैं कि अमेरिका की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी, अमेरिका की वजह से ही भारत-पाकिस्तान का युद्ध विराम हुआ है, लेकिन हमारे विदेश मंत्री एस. जयशंकर कोई जवाब नहीं देते हैं।हम लगातार ये सवाल उठा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश, विपक्ष और संसद को विश्वास में लेकर ये क्यों नहीं बताते कि सीजफायर में अमेरिका की क्या भूमिका है। इन सारे सवालों पर प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री आखिर चुप क्यों हैं।
पवन खेड़ा ने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप ने ना केवल कश्मीर के मुद्दे पर मध्यस्थता की बात की बल्कि पाकिस्तान और भारत को एक तराजू में तौल दिया। यह बात PM मोदी को स्वीकार हो सकती है, हमें स्वीकार नहीं है- भले ही हम विपक्ष में हैं, लेकिन इस बात को सरकार ने कैसे स्वीकार कर लिया? अमेरिका की धरती से डोनाल्ड ट्रंप सीजफायर घोषित करते हैं। ट्रंप लगातार यह बात दोहरा रहे हैं सीजफायर उन्होंने करवाया है, लेकिन सरकार के वरिष्ठतम नेता, BJP अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री इस बयान पर एक शब्द नहीं बोल रहे हैं। ऐसे में चिंता बढ़ जाती है कि देश की सुरक्षा के बारे में निर्णय ले कौन रहा है। पहले कभी नहीं हुआ कि ऐसी घोषणा कहीं विदेश से कोई तीसरा देश कर रहा हो। यह सवाल तमाम नेताओं और जनता के मन है, इसलिए सवाल पर चर्चा होना बहुत जायज है।’ भारत की कूटनीतिक जीत है ये सीजफायर