देशभर में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के आगे आज हर कोई बेबस है। तेजी से फैलते संक्रमण की वजह से आज देश की स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमरा गई है। इसी बीच योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने धुएं से कोरोना के इलाज करने वाला वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया। जिसके बाद लोगों से आचार्य बालकृष्ण के इस वीडियो पर जमकर प्रतिक्रिया दी।

आचार्य बालकृष्ण के ट्विटर अकाउंट से शेयर किए गए इस वीडियो में एक शख्स कोरोना संक्रमित वार्ड में बिना पीपीई किट पहने ही धुआं फैला रहा है। वीडियो में पीछे से एक शख्स की आवाज भी सुनाई दे रही है। वीडियो में कहा जा रहा है कि धुआं के द्वारा योग और आयुर्वेद का सफल परीक्षण किया जा रहा है। इस वीडियो में यह भी दावा किया जा रहा है कि यह धुआं संक्रमित लोगों के फेफड़ों में जाकर वायरस का खात्मा करता है।

आचार्य बालकृष्ण ने इस वीडियो को अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा है कि यह है देश का अपनी तरह का पहला कोविड अस्पताल है। यहां पैथी नहीं सकारात्मकता के साथ अत्याधुनिक संसाधनों- एलोपैथी, योग-आयुर्वेद, प्राकृतिक एवं आहार चिकित्सा के साथ यज्ञ चिकित्सा का अद्भुत संयोग है। आचार्य बालकृष्ण के इस ट्वीट पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

कमल नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि क्या यह एक कोविड वार्ड है, अगर हां तो यहां कोई बिना पीपीई किट पहने कैसे घूम सकता है। इसलिए आईसीएमआर दिल्ली से निवेदन है कि कोरोना मरीजों के देखभाल के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर ध्यान दें। एक ट्विटर हैंडल ने यह भी लिखा कि आपकी दवाई और काढ़े के चक्कर में बहुत सारे लोग अस्पताल जाने में लेट हो गए और उनमें से कईयों की जान चली गई।

बता दें कि इससे पहले योग गुरु बाबा रामदेव ने भी ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर एक बयान दिया था। बाबा रामदेव ने कहा था कि भगवान ने पूरा ब्रह्मांड ऑक्सीजन से भर रखा है। लेकिन लोग बाहर सिलेंडर ढूंढ रहे हैं। अपने भीतर दो सिलेंडर लगा रखे हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि  जो लोग कह रहे हैं कि बिस्तर, दवा ऑक्सीजन और श्मशान कम पड़ गए उनको हौसला रखना चाहिए। नकारात्मक माहौल नहीं बनाना चाहिए। बाबा रामदेव के इस बयान पर लोगों की भयंकर आलोचना देखने को मिली थी।