बिहार की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ने एनडीए से नाता तोड़ लिया है। RLJP के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने पटना में खुद यह ऐलान किया है। उन्होंने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हम साल 2014 से अभी तक एनडीए के साथ थे लेकिन एनडीए के लोगों ने हमारे साथ अन्याय किया है।

पशुपति पारस ने कहा कि हमें एनडीए छोड़ने के लिए विवश किया गया है। महागठबंधन संग जाने के सवाल पर पशुपति पारस ने कहा कि अगर महागठबंधन हमें सही समय पर उचित सम्मान देता है तो हम भविष्य में राजनीति के बारे में जरूर सोचेंगे।

पशुपति पारस ने कहा, “मैं 2014 से लेकर आज तक एनडीए के साथ था। हम एनडीए के वफादार सहयोगी थे। आपने देखा होगा कि जब लोकसभा चुनाव हुए, तो एनडीए के लोगों ने हमारी पार्टी के साथ अन्याय किया क्योंकि यह दलितों की पार्टी है। फिर भी, राष्ट्रहित में हमारी पार्टी ने चुनावों में एनडीए का समर्थन करने का फैसला किया। 6-8 महीने बाद, जब भी बिहार में एनडीए की बैठक हुई, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ने बयान दिया कि वे बिहार में ‘5 पांडव’ हैं, उन्होंने कहीं भी हमारी पार्टी का नाम नहीं लिया… इसलिए, हम मजबूर थे… हम लोगों के बीच जा रहे हैं और सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है। हम सभी 243 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं… अगर महागठबंधन हमें सही समय पर उचित सम्मान देता है, तो हम निश्चित रूप से भविष्य में राजनीति के बारे में सोचेंगे…”

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