Covid-19 Update: संसदीय समिति ने केंद्र से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते जान गंवाने वालों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। बता दें कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण से जुड़ी संसदीय समिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय समेत राज्यों से सिफारिश की है कि ऑक्सीजन की वजह होने वाली मृत्यु का ऑडिट कर, मृतकों के पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए।

समिति ने ऑक्सीजन की कमी और वैक्सीन डेवलपमेंट और महामारी को लेकर किए गए प्रबंध के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करने के बाद सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान बचाव के तरीकों को गंभीरता और समय से लागू किया जाता तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सरकार महामारी फैलने के शुरुआती चरण में ही वायरस के अधिक संक्रामक होने की पहचान होती और इसे रोकने के लिए सही नीतियां लागूं होती तो इसके नतीजे कम गंभीर होते और कई लोगों की जान बच जाती।

रिपोर्ट में कहा गया कि ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का पता लगाने के लिए कोई निश्चित दिशा-निर्देश नहीं थे। समिति ने कहा कि मेडिकल रिकॉर्ड में ऑक्सीजन की कमी को मौत का कारण नहीं बताया गया है। समिति ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों के रिकॉर्ड के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों से अनुरोध किया, इसमें 20 राज्यों ने जवाब तो दिया लेकिन उनमें से किसी ने भी इससे संबंधित पुष्टि नहीं की।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वह सरकार राज्यों के बीच ऑक्सीजन के समान रूप से सप्लाई मैनेज करने में पूरी तरह से सफल नहीं रही। उस दौरान इसकी मांग बढ़ती रही, जिससे एक अभूतपूर्व चिकित्सा संकट पैदा हो गया।

समिति ने पाया कि दुनिया में कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित देशों में भारत भी शामिल रहा। बड़ी आबादी के चलते देश में महामारी के दौरान बड़ी चुनौती देखने को मिली। समिति ने कहा कि लचर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य कर्मियों की पर्याप्त संख्या न होने के चलते देश में जबरदस्त दबाव देखा गया।