Parliament Attack 2023 : संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना का मास्टरमाइंड बताया जा रहा ललित झा शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया। पुलिस ने कोर्ट से ललित झा की 15 दिनों की रिमांड मांगी थी। ललित बुधवार को घटना के समय संसद के बाहर मौजूद था। वह अन्य आरोपियों को ID कार्ड और मोबाइल लेकर घटना स्थल से फरार हो गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, ललित वहां से राजस्थान गया, जहां उसे टेक्निकल एविडेंस नष्ट किए। वह राजस्थान में अपने दोस्तों की मदद से एक ढाबे में रुका। इसके बाद वह अपने दोस्त के साथ ट्रेन और बस के जरिए गुरुवार शाम को दिल्ली लौटा और फिर सरेंडर कर दिया। इस मामले को लेकर लगातार तीन दिन से संसद में हंगामा हो रहा है। विपक्ष इस मसले पर सरकार से जवाब चाहता है। हंगामे की वजह से विपक्ष के 14 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं।
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लोकसभा कक्ष में ‘केन’ से धुआं फैलाने वाले दो युवक अपने जूतों के बाएं सोल को काटकर बनाई गई जगह में रखकर इन्हें (केन) लाए थे। दिल्ली पुलिस की FIR में यह बात कही गई है। मनोरंजन डी और सागर शर्मा नाम के ये युवक लोकसभा में जिन पर्चों को लेकर आए थे, उनमें तिरंगे की पृष्ठभूमि में मुट्ठी की तस्वीर थी और मणिपुर की हिंसा पर हिंदी और अंग्रेजी में एक-एक नारा लिखा था।
दिल्ली पुलिस ने संसद की सूरक्षा चूक मामले में मुख्य आरोपी ललित झा को अदालत के समक्ष पेश किया। दिल्ली पुलिस ने अदालत से ललित झा की 15 दिन की हिरासत देने का अनुरोध किया। पुलिस ने अदालत से कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना का मुख्य साजिशकर्ता ललित झा है। दिल्ली की अदालत ने संसद की सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार ललित झा को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा।
कोर्ट ने संसद सुरक्षा मामले के आरोपी ललित को 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है।
संसद सुरक्षा चूक मामले का मुख्य आरोपी ललित झा कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया है।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा दिनभर के लिए स्थगित। होम मिनिस्टर से जवाब की मांग कर रहा है विपक्ष
कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक गंभीर विषय है। हम चाहते हैं कि गृह मंत्री इस मसले पर संसद में बयान दें।
संसद के शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों ने शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। इन सांसदों ने हाथों में तख्तियां लेकर संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष और संसद भवन के मकर द्वार के निकट धरना दिया। मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित लोकसभा सदस्य और कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने कहा, ‘‘हमारी मांग रही है कि गृह मंत्री अमित शाह को सदन में बयान देना चाहिए। वह सदन में नहीं आ रहे हैं। उन्हें वक्तव्य देना चाहिए। वह ऐसा नहीं कर रहे हैं क्योंकि वह संसद में आने से डरे हुए हैं।’’
लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर शुक्रवार को भी जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही शुरू होते ही दो बजे तक स्थगित कर दी गई। 11 बजे सदन की बैठक शुरू होते ही विपक्ष के सदस्य संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए। विपक्ष के सांसद इस मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह के सदन में बयान देने की मांग कर रहे थे। कुछ सदस्यों के हाथों में पोस्टर भी थे। एक पोस्टर पर संसद में सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग लिखी हुई थी।
संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और इसके बाद सूचित किया कि उन्हें संसद में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन संबंधी नियम 267 के तहत कुल 23 नोटिस मिले हैं। सभापति ने कहा कि इस मुद्दे पर वह पहले ही सदन को अवगत करा चुके हैं कि मामले की जांच हो रही है। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर हंगामा शुरु कर दिया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने आसन की ओर इशारे से कुछ कहना चाहा जिस पर सभापति ने आपत्ति जतायी। उन्होंने चड्ढा से कहा कि वह इशारे करने की बजाय बोलकर अपनी बात रखें। इसके बाद सदन में हंगामा और तेज हो गया।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मकर द्वार पर प्रदर्शन कर रहे निलंबित सांसदों से मुलाकात की है। संसद से कल कुल 14 सांसद निलंबित किए गए थे।
शिवसेना (UBT) की सासंद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस मामले में कोई राजनीति नहीं है। यह समझ नहीं आ रहा कि इतनी सुरक्षा के बाद भी कैसे ये लोग आ गए। 7 सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड किया गया गया है। 14 सांसद भी निष्कासित किए गए हैं। हमारा गुनाह यह है कि हम चर्चा चाहते हैं। हमारी केंद्र सरकार राजनीति कर रही है और हम चर्चा चाहते हैं।
कांग्रेस पार्टी के सांसद के सुरेश ने कहा कि हमारी डिमांड जायज है। यह अटैक लोकसभा चैंबर के अंदर हुआ है और बहुत सीरियस है। पीएम या गृहमंत्री सदन में इस मसलें पर बयान दें।
लोकसभा की सुरक्षा में सेंध पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ''सरकार जिम्मेदार है, पद खाली पड़े हैं। केंद्रीय गृह मंत्री सदन के सामने बयान नहीं दे रहे हैं, यह सदन की अवमानना है। इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों को निलंबित किया जा रहा है और पास जारी करने वाले सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।"
शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद में सुरक्षा उल्लंघन पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत अपना नोटिस दिया। लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन और सांसदों के निलंबन पर बीजेडी सांसद अमर पटनायक ने कहा, "यह राजनीति करने का समय नहीं है बल्कि यह समय मिलकर काम करने और लोगों को यह संदेश देने का है कि भारत एक है, सब एक हैं। राजनीतिक दल इस पर एकमत हैं कि लोकतंत्र के मंदिर पर, संसद पर, लोकतंत्र पर कोई भी हमला किसी के द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।''
संसद की सुरक्षा में चूक की घटना पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को देश को बताना चाहिए की इसमें क्या राजनीति है। लोकसभा और राज्यसभा में सांसद इस बारे में चर्चा चाहते हैं। आपने अपने विरोधी सांसदों को निलंबित कर दिया लेकिन आपकी पार्टी के सांसद जिनकी सिफारिश से ये लोग अंदर आए, उसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई। राजनीति हम नहीं कर रहे, राजनीति आपकी तरफ से हो रही है।"
संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना सामने आई। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तुरंत बाद दोनों को पकड़ लिया गया। वहीं, इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाले केन लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया। सदन में कूदने वाले दोनों व्यक्तियों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के रूप में हुई है। संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द की निवासी नीलम (42) और लातूर (महाराष्ट्र) के निवासी अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है।