संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार माहौल में शुरू हुआ। विपक्ष ने चुनावी रोल के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR), लाल किले में हुए धमाके और दूसरे मुद्दों पर चर्चा की मांग की। वहीं इन मुद्दों से इतर बीजेपी और कांग्रेस नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। रविवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली पुलिस में एक नई FIR दर्ज की, जिसमें कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप लगाए गए हैं। एजेंसी का दावा है कि सरकार द्वारा अलॉट की गई प्रॉपर्टी, जो असल में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को जन कल्याण के लिए रियायती दरों पर दी गई थी, उसे निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया।
बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा
कांग्रेस ने कई मुद्दों पर NDA पर हमला बोला। वहीं BJP के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कांग्रेस से नेशनल हेराल्ड की लूट का जवाब देने को कहा। तरुण चुघ ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने एक बड़ी साजिश के तहत 90 करोड़ रुपये के लोन सिर्फ 50 लाख रुपये में माफ कर दिए।
तरुण चुघ ने कहा, “राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेशनल हेराल्ड को लेकर घबराहट, निराशा और हंगामा कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। स्वतंत्रता सेनानियों का पैसा खुलेआम लूटा गया। भ्रष्टाचार किया गया है। 90 करोड़ रुपये के लोन सिर्फ 50 लाख रुपये में माफ कर दिए गए। संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं। कांग्रेस ने यह एक बड़ी साजिश के तहत किया है और राजनीतिक ड्रामा कर रही है। भाषण देने के बजाय, कांग्रेस को नेशनल हेराल्ड की लूट का जवाब देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है कि यह धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला है और गांधी-नेहरू परिवार को ट्रायल का सामना करना पड़ेगा।”
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कांग्रेस ने क्या प्रतिक्रिया दी?
कांग्रेस ने तुरंत पलटवार किया। कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, यह एक अजीब स्थिति है। कोई अपराध नहीं, कोई कैश नहीं, खोजने के लिए कोई सबूत नहीं। BJP फिर भी अपने ही उलटे दिमाग से एक केस बना रही है। अगर न्याय अंधा है, तो ED कलर ब्लाइंड है। यह सिर्फ एक ही रंग देखती है, विपक्ष का रंग। यह एक ऐसा मामला है जिसमें पैसे का कोई लेन-देन नहीं हुआ, अचल संपत्ति का कोई लेन-देन नहीं हुआ, कोई दुरुपयोग नहीं हुआ, फिर भी ED अपनी कल्पना में मनी लॉन्ड्रिंग देखती है। आज फिक्शन को एक यूनिफॉर्म मिल गई है। अगर बदले की भावना एक सिलेबस होता, तो BJP ऑनर्स के साथ ग्रेजुएट होती। एक प्राइवेट शिकायत से लेकर पब्लिक सर्कस तक, नेशनल हेराल्ड केस BJP का का जुनून है। यह नेशनल हेराल्ड केस नहीं है, यह नेशनल हैरेसमेंट केस है।”
9 अप्रैल को ED ने इस मामले में सोनिया और राहुल सहित सात लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। जांच के तहत 2022 में सोनिया और राहुल दोनों से पूछताछ की गई थी। ED ने पहले नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली AJL और उसकी मालिक यंग इंडियन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों पर कब्ज़ा करने के लिए नोटिस जारी किए थे, जिन्हें उसने अटैच किया था।
किन लोगों के खिलाफ FIR?
ED के असिस्टेंट डायरेक्टर शिव कुमार गुप्ता द्वारा 3 अक्टूबर को दर्ज की गई FIR में सोनिया और राहुल, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन, डॉटैक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड, सुनील भंडारी, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और अज्ञात लोगों के नाम भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 403 (संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग), और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत शामिल थे। (पढ़ें राहुल गांधी के दावों की सहयोगी पार्टी के मुस्लिम सांसद ने ही निकाल दी हवा)
