लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा की जा रही है जिसकी शुरुआत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की। वहीं, दूसरी ओर विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देना जरूरी था। उनके भाषण के दौरान विपक्ष के हंगामे पर गृहमंत्री अमित शाह भड़क गए।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन को 9 मई की सुबह अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की फोन कॉल को लेकर जानकारी दी। उन्होंने सदन को बताया कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि पाकिस्तानी बड़ा हमला कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे साफ कह दिया कि भारत मजबूत जवाब देगा। विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 22 अप्रैल से 17 जून तक कोई फोन कॉल नहीं हुई। इस पर विपक्ष के हंगामे पर गृह मंत्री अमित शाह खड़े हुए और कहा कि भारत का विदेश मंत्री यहां बोल रहा है, इनको विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है।

विपक्ष को भारतीय विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं- अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मुझे इस बात पर आपत्ति है कि उन्हें (विपक्ष को) एक भारतीय विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है, बल्कि उन्हें किसी अन्य देश पर भरोसा है। मैं उनकी पार्टी में विदेशी का महत्व समझ सकता हूं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी पार्टी की सभी चीजें यहां सदन में थोपी जाएं। यही कारण है कि वे वहां (विपक्षी बेंचों पर) बैठे हैं और अगले 20 वर्षों तक वहीं बैठे रहेंगे।”

विदेश मंत्री जयशंकर ने लोकसभा में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों मे से पाकिस्तान के अलावा केवल तीन राष्ट्रों ने विरोध किया था। यह हमारी कूटनीति का ही परिणाम था कि ‘टीआरएफ’ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया गया। ऑपरेशन सिंदूर के समय अमेरिका के साथ बातचीत में व्यापार का कोई जिक्र नहीं हुआ था, 22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई सीधा संवाद नहीं हुआ।

पढ़ें- LIVE: लोकसभा में एस जयशंकर ने दी ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी

लोकसभा में भड़के अमित शाह

विदेश मंत्री जयशंकर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “जिन लोगों ने कुछ नहीं किया, वे बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी स्थलों को ध्वस्त करने वाली सरकार पर सवाल उठाने की हिम्मत कर रहे हैं। इस बीच किसी सदस्य की टीका-टिप्पणी पर गृह मंत्री दोबारा खड़े हुए और भड़कते हुए बोले, “इतने गंभीर बात पर जब चर्चा हो रही है तो सरकार के प्रमुख विभाग के मंत्री को बोलते हुए बैठे-बैठे बीच में टोकना मान्यवर आपको शोभा नहीं देता।”

विदेश मंत्री बोल रहे हों तो क्या अच्छा लगता है कि विपक्ष उन्हें परेशान कर रहा है- गृहमंत्री

सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “जब उनके अध्यक्ष बोल रहे थे तो हम उन्हें धैर्यपूर्वक सुन रहे थे। मैं आपको कल बताऊंगा कि उन्होंने कितने झूठ बोले हैं। अब वे सच नहीं सुन पा रहे हैं। जब इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा हो रही हो और विदेश मंत्री बोल रहे हों तो क्या यह अच्छा लगता है कि विपक्ष उन्हें परेशान कर रहा है? अध्यक्ष जी, आप उन्हें समझाइए, वरना हम भी बाद में अपने सदस्यों को कुछ नहीं समझा पाएंगे।” पढ़ें- जैसे ही अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने खड़े होते हैं, आपकी ऊंचाई 5 फीट कम और छाती 56 से घटकर 36 इंच हो जाती है- कल्याण बनर्जी