संसद की सुरक्षा में सेंधमारी के मामले में मुख्य आरोपी ललित झा ने गुरुवार को सरेंडर कर दिया। इससे पहले संसद के अंदर और बाहर स्मोक कैन से धुआं उड़ाने वाले चारों आरोपियों को बुधवार को ही पकड़ लिया गया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी ललित झा ने ही यह पूरी साजिश रची थी और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग की थी।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, अपने चार सहयोगियों की गिरफ्तारी के एक दिन बाद मुख्य साजिशकर्ता ललित मोहन झा (32) ने पकड़े जाने से पहले गुरुवार सुबह मोबाइल फोन सहित सभी टेक्निकल सबूत नष्ट कर दिए।
साथियों के आईडी कार्ड और मोबाइल लेकर भाग गया ललित
बुधवार को चार आरोपियों- मनोरंजन डी, सागर शर्मा, नीलम वर्मा और अमोल शिंदे को संसद के अंदर और बाहर पकड़े जाने के बाद ललित उनके आईडी कार्ड और मोबाइल फोन के साथ भागने में सफल रहा। एक पुलिस सूत्र ने कहा, “रात करीब 11.30 बजे, वह बस से कुचामन सिटी पहुंचा जहां उसकी मुलाकात अपने सहयोगी महेश से हुई। उसे भी ग्रुप में शामिल होना था लेकिन उसकी मां के रोकने के बाद वह इसमें शामिल नहीं हो सका। महेश ‘भगत सिंह फैन पेज’ नामक एक फेसबुक समूह के माध्यम से झा और अन्य लोगों से जुड़ा था।
ललित ने नष्ट किए सबूत
जांच से पता चला कि महेश अपने चचेरे भाई कैलाश के साथ ललित झा को एक ढाबे पर ले गया और मालिक से एक कमरे के लिए अनुरोध किया। ढाबा मालिक महेश को जानता था और उसने उन्हें एक कमरा दे दिया। गुरुवार सुबह झा ने उनकी मदद से फोन नष्ट कर दिए। इसके बाद महेश और झा कैलाश को यह कहकर चले गए कि वे संसद के सामने आत्मसमर्पण करने जा रहे हैं।
पुलिस कैलाश के फोन नंबर का पता लगाने में कामयाब रही और गुरुवार दोपहर को उसे हिरासत में ले लिया। उन्होंने पुलिस को बताया कि ललित झा और महेश ट्रेन से जयपुर के लिए रवाना हुए थे और दिल्ली के लिए बस पकड़ेंगे, जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी।
भगत सिंह जैसी घटना दोहराना चाहते थे आरोपी
पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के दो आरोपी 1929 के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन के समय क्रांतिकारी भगत सिंह द्वारा ‘सेंट्रल असेंबली’ के अंदर बम फेंके जाने जैसी घटना को दोहराना चाहते थे। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से एक पर्चा बरामद किया गया, जिसमें लिखा था, ‘‘प्रधानमंत्री लापता हैं और जो भी उन्हें ढूंढे़गा उसे स्विस बैंक से पैसा मिलेगा।’’ पुलिस सूत्रों ने कहा कि आरोपियों के जूते विशेष रूप से डिजाइन किए गए थे और धुएं के ‘केन’ को छिपाने के लिए जगह बनाई गई थी। अधिकारी ने कहा कि इन ‘केन‘ को सागर शर्मा ने लखनऊ से खरीदा था।
पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने संसद में पर्चे फेंकने की योजना बनाई थी। इसने कहा कि उन्होंने तिरंगे भी खरीदे थे। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों के पास से कुछ और पर्चे बरामद किए गए, जिनमें युवाओं को सरकार के खिलाफ भड़काने वाले संदेश थे। एक सूत्र ने कहा, ‘‘ऐसे ही एक पर्चे पर लिखा था देश के लिए जो नहीं खौला वो खून नहीं पानी है। आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की। हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए तानाशाही नहीं चलेगी नारे लगाए।