संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है। यह सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है। ऑपरेशन सिंदूर, बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) से लेकर कई मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरेगा। तो वहीं सरकार भी कई बिलों को पास करवाने की कोशिश करेगी। विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए तैयार है, जिनमें पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर से लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान सीजफायर कराने के दावे और चुनावी राज्य बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) तक शामिल हैं।
आयकर विधेयक को पास करवाने की कोशिश में सरकार
एक महीने तक चलने वाले इस सत्र के लिए प्रमुख कार्यों की अपनी संभावित सूची में, सरकार ने लंबित आयकर विधेयक को पारित कराने के अलावा आठ नए विधेयक भी पेश किए हैं। सत्ता पक्ष के एक सूत्र ने स्वीकार किया, “सरकार का विधायी एजेंडा काफी बड़ा है, लेकिन सत्र में बिहार में SIR एक्सरसाइज, ऑपरेशन सिंदूर और अहमदाबाद हवाई दुर्घटना की जांच प्रमुख मुद्दा रहेगा।”
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि बिहार में एक बड़े वर्ग के बीच भ्रम और दहशत फैलाने वाली विवादास्पद SIR प्रक्रिया असंवैधानिक है और इससे कई मतदाता (खासकर वंचित, हाशिए पर पड़े और अल्पसंख्यक समुदायों के मतदाता) मताधिकार से वंचित हो सकते हैं।
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22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले (जिसमें 26 लोग मारे गए थे) को विपक्ष दोनों सदनों में प्रमुख मुद्दा बनाएगा ताकि आतंकवादी हमले के लिए कथित सुरक्षा चूक पर सरकार की प्रतिक्रिया मांगी जा सके। विपक्षी इंडिया गठबंधन ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए एक विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसके बजाय मानसून सत्र की घोषणा कर दी।
सोनिया गांधी ने की बैठक
विपक्षी दलों ने कई ज्वलंत मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए अपनी बैठकें शुरू कर दी हैं। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी के संसदीय रणनीति समूह (Parliamentary Strategy Group) की बैठक की, जिसमें पार्टी प्रमुख और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने भाग लिया।
हालांकि भाजपा खेमे ने कहा है कि वह संसद में किसी भी चर्चा से पीछे नहीं हटेगी। भाजपा नेता और लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, “सरकार संसद में चर्चा से कभी पीछे नहीं हटी। प्रधानमंत्री हमेशा बहस में विश्वास करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह हमारे जीवंत लोकतंत्र की ताकत है। अतीत में भी, हम सभी बहसों के लिए हमेशा खुले रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि विपक्ष सदन से बहिर्गमन नहीं करेगा, बल्कि भागने के बजाय चर्चा में भाग लेगा। यह एक महीने का सत्र है। इसमें महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है। प्राकृतिक आपदाएँ, अहमदाबाद विमान दुर्घटना और खेल विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा होगी।”
संसद में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग का मुद्दा भी उठाए जाने की उम्मीद है, जिनके दिल्ली स्थित आवास से कथित तौर पर नोटों के ढेर बरामद हुए थे। सूत्रों के अनुसार जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए संबंधित सदन के पीठासीन अधिकारी द्वारा एक जांच समिति गठित की जाएगी, जिसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय-सीमा तीन महीने से कम होगी।
विपक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव के खिलाफ उनकी कथित सांप्रदायिक टिप्पणी को लेकर महाभियोग का नोटिस भी पेश किया है। हालांकि सत्ता पक्ष जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए सभी दलों के बीच आम सहमति बनाने के इच्छुक हैं, लेकिन जस्टिस यादव के मामले में वे विपक्ष से सहमत नहीं हैं। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा जस्टिस यादव के खिलाफ विपक्ष के नोटिस पर फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है।
मनीष तिवारी ने सरकार को घेरा
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि वह सदन में विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए पूरी ताकत लगाएगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, “सत्र का ध्यान चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे SIR पर होना चाहिए। इसे देश के नागरिकों के एक वर्ग को मताधिकार से वंचित करने का साधन नहीं बनने दिया जा सकता क्योंकि यह लोकतंत्र की नींव के लिए एक बुनियादी और मूलभूत खतरा है। देश के विभिन्न हिस्सों में मतदाता सूची में हेराफेरी को लेकर (विपक्ष द्वारा) किए गए ठोस और प्रमाणिक दावों पर उसके असंतोषजनक जवाब को ध्यान में रखते हुए वास्तव में चुनाव आयोग के कामकाज और प्रदर्शन पर एक व्यापक सुनियोजित चर्चा होनी चाहिए।”
लोकसभा में वरिष्ठ कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने कहा, “अब जब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कह रहे हैं कि पहलगाम हमला निस्संदेह एक सुरक्षा विफलता थी, तो सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत द्वारा विमान खोने की खबरों पर भी सवाल उठेंगे। विपक्षी दलों को भी एसआईआर अभ्यास पर गंभीर चिंता है।”
मणिपुर पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
सरकार सत्र के दौरान मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने की तैयारी में है। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन 13 फरवरी को लागू किया गया था, जिसे हर छह महीने में संसद की मंज़ूरी लेनी होती है। विपक्ष राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार से कड़े सवाल पूछने की तैयारी में है।
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विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर मई 2023 के बाद से मणिपुर का दौरा न करने का आरोप लगाया है, जब राज्य में जातीय संघर्ष शुरू हो गए थे। मोदी का राज्य का आखिरी दौरा फरवरी 2022 में हुआ था, जब उन्होंने विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार किया था। पिछले हफ़्ते जब प्रधानमंत्री मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा से लौटे, तो कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने यह विवाद उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को अब मणिपुर जाने के लिए समय निकालना चाहिए, जहां लोग दो साल से उनका इंतज़ार कर रहे हैं।
एक सरकारी सूत्र ने कहा, “अब जब मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के छह महीने पूरे हो रहे हैं, तो विपक्ष के मन में वहां की स्थिति को लेकर सवाल उठेंगे। सुधार के संकेत मिले हैं। प्रधानमंत्री के राज्य का दौरा करने की चर्चाएँ हुई हैं, जो जल्द ही हो भी सकता है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।”
भाजपा सूत्रों ने बताया कि मणिपुर मुद्दे पर आरएसएस का भी दबाव था। पिछले साल जून में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक साल बाद भी मणिपुर में शांति न होने पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि संघर्षग्रस्त राज्य की स्थिति पर प्राथमिकता से विचार किया जाना चाहिए। इस महीने की शुरुआत में आरएसएस ने कहा था कि वह मैतेई और कुकी समूहों को एक साथ लाने में लगा हुआ है और राज्य में जातीय संघर्ष का समाधान निकल लिया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि मणिपुर की स्थिति को लेकर आरएसएस की बेचैनी के बारे में सरकार के लिए संदेश स्पष्ट था।
सत्र के दौरान सरकार राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025, मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025, खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025, जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025, कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2025, और भू-विरासत स्थल एवं भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक, 2025 सहित आठ नए विधेयक पेश कर सकती है। मानसून सत्र, जो पहले 13 अगस्त को समाप्त होने वाला था, वह अब 21 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है।
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली नए आयकर विधेयक पर लोकसभा की प्रवर समिति सत्र के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती है। सरकार समिति की सिफारिशों पर विचार कर सकती है और कैबिनेट द्वारा अनुमोदित संशोधित विधेयक के साथ सदन में वापस आ सकती है। सूत्रों ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि इसी सत्र में विधेयक को मंजूरी मिल जाएगी।