संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में सोमवार को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के हंगाम के चलते राज्य सभा की कार्रवाई कई बार स्थगित हुई। राज्य सभा में विपक्ष ने ‘लोकतंत्र के हत्यारों शर्म करो’, ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाए। सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि उत्तराखंड का मामला कोर्ट में चल रहा है। इसके चलते बहस नहीं की जा सकती। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड मामले पर लोकसभा में कहा कि हमारा इस मुद्दे से कोई लेना देना नहीं है। उत्तराखंड में संकट कांग्रेस की अंदरूनी समस्या के चलते हुआ है।
राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि संविधान का मखौल उड़ाया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सालभर से देख रहे हैं कि किसी ना किसी तरीके से कहीं ना कहीं रूलिंग पार्टी की तरफ से प्रयास किया जाता है कि सदन ना चले। राज्यसभा पहले 12 और फिर 2 बजे तक कि लिए स्थगित की गई।
वहीं लोकसभा में कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। इस विषय पर बात रखने की अनुमति तत्काल नहीं दिए जाने के विरोध में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे सदन में धरने पर बैठ गये। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘प्रश्नकाल स्थगित नहीं करने का नियम सदन के सदस्यों ने ही बनाया है। इसलिए इस कार्यस्थगन की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस विषय को खड़गे जी शून्यकाल के दौरान उठाए।’ खडगे ने कहा, ‘लोकतंत्र की हत्या हुई है और हम इस विषय पर अपनी बात रखना चाहते हैं। यह महत्वपूर्ण मुद्दा है और अध्यक्ष के पास कार्यस्थगन का अधिकार है।’
लोकसभा अध्यक्ष ने जब इस विषय को उठाने की अनुमति नहीं दी जब खड़गे अध्यक्ष के आसन के पास मार्शल के बगल में सीढ़ी पर बैठ गए। इस दौरान कांग्रेस सदस्य ‘तानाशाही बंद करो’ के नारे लगा रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी अपने स्थान से विरोध स्वरूप कुछ बोलते देखा गया लेकिन हंगामे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। आप सदस्य भगवंत मान को देश के कई हिस्सों में सूखे और किसानों की आत्महत्या के विषय पर कुछ बोलते सुना गया।