जम्मू-कश्मीर में एक सिख महिला के कथित जबरन धर्मांतरण के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल, सिख समुदाय के लोग केंद्र शासित प्रदेश में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उनके समुदाय की चार महिलाओं पर जबरन इस्लाम धर्म स्वीकार करने का दबाव डाला गया। इस मामले में लड़की के परिवार और लड़की के अलग-अलग पक्ष सामने आए हैं। हालांकि, मंगलवार को इस मुद्दे पर एक टीवी डिबेट में पैनलिस्ट आपस में उलझ गए। जहां मु्स्लिम स्कॉलर और वकील तस्लीम रहमानी ने राजनीतिक विश्लेषक शहजाद पूनावाला पर हमला करते हुए उन्हें इस्लाम पर कलंक बताया, वहीं पूनावाला ने पलटवार में पूछा कि क्या जबरन धर्मांतरण आतंकवाद है या नहीं?

तस्लीम रहमानी पर बरसे शहजाद पूनावाला?: तस्लीम रहमानी ने शहजाद पूनावाला पर निशाना साधते हुए कहा कि आप अगर मुसलमान हैं, तो ये इस्लाम के नाम पर कलंक हैं। अगर आप खुद को मुस्लिम होने का दावा करते हैं, तो इस बात पर कलंक है। इस पर शहजाद ने कहा- अब ये लोगों को मुसलमान घोषित कर रहे हैं। बहरहाल जवाब दीजिए। याकूब मेमन के पक्ष में हैं आप। क्या आप जबरन धर्मांतरण को आतंकवाद मानते हैं या नहीं? पाकिस्तान द्वारा स्पॉन्सर्ड जबरन धर्मांतरण को आतंकवाद मानते हैं या नहीं? जबरन धर्मांतरण और आंतकवाद समानता है दोनों में ISI कनेक्शन, विदेशी फंडिंग और मजहबी कट्टरता है।

इस पर तस्लीम रहमानी ने कहा, “मैं किसी को मुसलमान घोषित नहीं करता, आप खुद ही घोषित करते हैं, दावा करते हैं खुद को मुसलमान।” रहमानी ने आगे कहा, “धर्मांतरण इस मुल्क के हर शहरी का हक है। धर्मांतरण इस देश के हर नागरिक का हक है। आप कौन हैं जबरन और गैरजबरन का फैसला करने वाले? आपकी अथॉरिटी क्या है?”

एंकर ने पूछा- आप गंदे खेल को वैध क्यों करना चाहते हैं?: हालांकि, रहमानी के इस बयान पर एंकर अमिश देवगन ने उन्हें घेर लिया। अमिश ने कहा- “अथॉरिटी की बात होगी, तो बहुत लोगों की कोई अथॉरिटी नहीं है। आपने कहा कि धर्मांतरण इस देश के लोगों का हक है। अगर कोई अपनी मर्जी से धर्मांतरण कराए तो वो उसका हक है, लेकिन उसके साथ जोर-जबरदस्ती हो, उसको धमकाया जाए, बच्चियों के साथ जोर-जबरदस्ती हो, उनका धर्मांतरण कराया जाए, ये किसका हक है? आप इस गंदे खेल को वैध क्यों करना चाहते हैं? मेरी समस्या ये है।”