Pak Spy in India: सीआरपीएफ के एक जवान मोती राम जाट पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप लगे। NIA ने उसे गिरफ्तार करने के साथ पूछताछ और जांच शुरू कर दी है। मोती राम पर आरोप हैं कि उसने अहम जानकारियां पाकिस्तान के एजेंटों को शेयर की है और इसके बदले मोटी रकम हासिल की है। उसने पूछताछ में यह तक खुलासा किया है कि पहलगाम हमले के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पहलगाम हमले की मूवमेंट्स भी उसी ने पाकिस्तानी एजेंट्स को दी थी। उसने बताया कि पाकिस्तानी अफसर पत्रकार बनकर उससे जानकारी ले रहे थे।
मोती राम जाट पहलगाम में सीआरपीएफ बटालियन में तैनात था और 22 अप्रैल की आतंकी घटना से महज 5 दिन पहले ही उसका ट्रांसफर जम्मू कश्मीर से दिल्ली हो गया था। मामला एनआईए को सौंपे जाने से पहले मोती राम जाट से केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पूछताछ की थी।
अमित शाह के मूवमेंट्स की भी दी थी जानकारी
सीआरपीएफ जवान ने पूछताछ में बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के कुछ घंटों बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जम्मू-कश्मीर में जो दौरा हुआ था, उसकी जानकारी भी पाकिस्तानी अधिकारियों ने उससे पत्रकार बनकर ही ली थी। इसके अलावा 50 पर्यटन स्थलों का बंद होना, सीआरपीएफ जवानों की आवाजाही और संख्या, और आतंकवादियों की संदिग्ध लोकेशंस की जानकारी भी पाकिस्तानी एजेंसियों के साथ शेयर की थी।
कितने पैसों के लिए की जासूसी के लिए
सीआरपीएफ के केंद्रीय रिजर्व पुलिस एक सहायक उप निरीक्षक के तौर पर तैनात मोती राम जाट ने पिछले दो साल में पाकिस्तान के साथ काफी अहम जानकारियां भी शेयर की हैं। पूछताछ में आरोपी जवान ने बताया कि अधिकारियों ने खुद को टीवी पत्रकार बताकर उसे 3,500 रुपये प्रति माह और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए 12,000 रुपये अतिरिक्त दिए थे।
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न्यूज रिपोर्टर बनकर बात करता था पाक खुफिया अधिकारी
इंडियन एक्सप्रेस ने सीआरपीएफ के एक सूत्र के जरिए बताया कि कथित तौर पर चंडीगढ़ स्थित एक प्रमुख टीवी न्यूज चैनल की न्यूज रिपोर्टर के तौर पर एक महिला ने आरोपी जवान के संपर्क किया था , जिसने उनसे कुछ जानकारी साझा करने का अनुरोध किया था। कुछ संदेशों और फोन और वीडियो कॉल भी किए थे। इसके बाद मोती राम जाट ने कथित तौर पर उसके साथ डॉक्यूमेंट्स शेयर करना शुरू कर दिया था। इसके दो तीन महीनों बाद पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी ने उसी न्यूज चैनल का पत्रकार बनकर उससे बात करनी शुरू की थी।
फोन से नहीं डिलीट किया कोई भी मैसज
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और सीआरपीएफ के अधिकारियों ने जाट के फोन की भी जांच की और पाया कि उसने कोई भी संदेश डिलीट नहीं किया था। सूत्र ने दावा किया कि जाट ने कथित तौर पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, सैनिकों की आवाजाही की जानकारी, खुफिया एजेंसियों के मल्टी-एजेंसी सेंटर (एमएसी) की रिपोर्ट और कभी-कभी आतंकवादी गतिविधियों के स्थानों से संबंधित कई वर्गीकृत दस्तावेज पाकिस्तानी अधिकारियों को दिए थे।
अपने और पत्नी के बैंक अकांट में लिए पैसे
अपनी कुछ बातचीत में जाट ने अर्धसैनिक बलों की कुछ समाचार कतरनें भी शेयर की थीं, लेकिन दूसरी तरफ़ के लोगों ने उनसे कहा कि वे ऐसी जानकारी साझा न करें जो पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है। सूत्र ने दावा किया कि एक या दो महीने के बाद, उन्होंने उसे हर महीने की चौथी तारीख़ को 3,500 रुपये देना शुरू कर दिया था। महत्वपूर्ण जानकारी के लिए 12,000 रुपये भी दिए। उसे यह पैसे उसके और उसकी पत्नी के खातों में मिले थे।
इतना ही नहीं, सूत्रों ने ये भी बताया कि आरोपी की गतिविधियों पर कई सप्ताह से नजर रखी जा रही थी और पहलगाम आतंकी हमले से पांच दिन पहले ही उसका दिल्ली ट्रांसफर हुआ था। सूत्र ने बताया कि हालांकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे की जानकारी समाचार चैनलों पर उपलब्ध थी लेकिन उन्होंने कथित तौर पर दिल्ली आने के बाद भी इसे उनके साथ साझा किया। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा कारणों से 50 पर्यटन स्थल बंद कर दिए गए हैं।
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