कुछ दिनों पहले कारगिल के हुंदरमन गांव के पास ही एलओसी पार करके एक महिला पाकिस्तान चली गई थी। इसे पाकिस्तान ने भारत को लौटा दिया है। अमृतसर पुलिस ने बताया कि नियंत्रण रेखा (LoC) पार करके महिला पाकिस्तान चली गई थी। बीते शनिवार पाकिस्तानी अधिकारियों ने महिला को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नागपुर की 43 वर्षीय महिला बीते 14 मई को लापता हो गई थी। पुलिस के अनुसार, महिला दस दिन पहले अपने बेटे को छोड़कर पाकिस्तान के सीमा में चली गई थी जिसके बाद वहां उसे पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा पकड़ लिया गया था। इस महिला को वापस लाने के लिए एक अधिकारी और दो महिला कांस्टेबलों की टीम को अमृतसर भेजा गया।
   
पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम ने कहा है कि सीमा पर करके पाकिस्तान गई महिला सुनीता को वहां पकड़ लिया गया। पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे बीएसएफ को सौंप दिया और बीएसएफ ने सुनीता को अमृतसर पुलिस को सौंप दिया है। कदम ने कहा कि नागपुर पुलिस की हिरासत में आने के बाद सुनीता से पूछताछ की जाएगी। क्योंकि इस बात की जांच करनी है कि वो महिला जासूसी या किसी गैर कानूनी गतिविधि में शामिल तो नहीं थी।

अमृतसर पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

वहीं लद्दाख पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) डॉ. एसडी सिंह जामवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि सुनीता लापता होने से पहले पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में थी। इसको लेकर अमृतसर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। महिला के खिलाफ हुई एफआईआर को नागपुर के कपिल नगर पुलिस थाने में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। क्योंकि महिला का स्थाई पता वहीं का है।

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कदम ने आगे कहा, “अनजाने में भारत-पाकिस्तान सीमा पार करने वाले व्यक्तियों का आदान-प्रदान एक नियमित प्रक्रिया है। ऐसे मामलों को आमतौर पर बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच फ्लैग मीटिंग और संचार के माध्यम से सुलझाया जाता है।” सुनीता के 12 वर्षीय बेटे को भी जल्द ही नागपुर वापस लाया जाएगा, जिसे उसके लापता होने के बाद बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की देखभाल में ले लिया गया था।

नागपुर के एक अस्पताल की पूर्व नर्स और घर-घर जाकर कपड़े बेचने वाली सुनीता अपने लापता होने से पहले के हफ्तों में भावनात्मक संकट और भ्रम के लक्षण दिखा रही थी। उसके परिवार ने यह भी बताया था कि वह मानसिक रूप से बीमार थी और उसका स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा था।