India Pakistan Tension: पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के देश छोड़ने का आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद से हर दिन अटारी – वाघा सीमा से कई भावनात्मक कहानियां सामने आ रही हैं। बॉर्डर के दोनों तरह बड़ी संख्या में लोगों ने शादियां की हुई हैं, ऐसे लोग चाहते हैं कि सरकार उनके साथ रियायत बरते। अब जम्मू-कश्मीर से एक अलग मामला सामने आया है। 17 सालों से भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक ओसामा ने भारत सरकार से अपील की है कि वो उनके जैसे लोगों को कुछ समय दे।
अटारी सीमा पर न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में ओसामा ने बताया कि वह उरी से आया है और रावलपिंडी, इस्लामाबाद का रहने वाला हूं। ओसामा ने ANI से बातचीत में कहा, “इस समय मैं कुछ भी सोच नहीं पा रहा हूं। मैं वर्तमान समय में बैचलर डिग्री कर रहा हूं। मेरा फाइनल सेमेस्टर चल रहा है। जून में मेरा एग्जाम है। मेरे कुछ और प्लान थे, मैं एग्जाम खत्म करके जॉब के लिए तैयारी कर रहा था… अचानक से यह सब चीज होना, यह बहुत प्रभावित करती है। मेरा थॉट प्रॉसेस पूरी तरह से डिस्टर्ब हो गया है। मुझे नहीं पता वहां पर क्या चीज हुई, किसने की… वो किसका हक बनता है, एजेंसियों का हक बनता है, हम उसमें कुछ नहीं कर सकते।”
2008 में भारत आया था ओसामा
ओसामा ने बताया, “हमें पुलिस स्टेशन उरी से फोन आया था, उन्होंने हमें बुलाया तो हम आ गए। हम वहां से पाकिस्तानी पासपोर्ट पर लीगल तरीके से यहां आए थे…. हम यहां 17 सालों से रह रहे थे, 2008 में आए थे। हमने यहां आते ही 15 दिन के अंदर वीजा स्टे करवाया था। उस समय स्टेट हुड भी था। अचानक से यह सब चीज होना, समझ नहीं आ रहा कैसे रिएक्ट करेंगे।”
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‘चुनाव में वोट भी डाला, राशन कार्ड भी है’
ओसामा ने सरकार से अपील करते हुए कहा, “सरकार से मैं यही अपील करूंगा कि प्रैक्टिली सोचा जाए, आप कुछ टाइम की मोहलत दे दें, कुछ हल निकालें, जो परिवार यहां 20-30 सालों से रह रही हैं। हमने वोट भी डाला, हमारे सारे डॉक्युमेंट भी यहां के बने हुए हैं, आधार कार्ड है, इलेक्शन कार्ड है, राशन कार्ड है हमारा, डोमिसाइल है हमारी यहां की, बाकी सारी डॉक्युमेंट्स मेरे बने हुए हैं, अब मैं यहां से कहां जाऊंगा। मैंने दसवीं – बारवीं यहां से की है।”
पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमारे पास इंसानियत आती है। उस लिहाज से देखा जाए तो यह बहुत शर्मनाक घटना है। यह हम सभी के लिए बहुत शर्मनाक घटना है। हम सभी कश्मीरी और हिंदुस्तानी भाई इस घटना की निंदा करते हैं। हम इसके खिलाफ हैं। सरकार को इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए। हमें मोहलत दी जाए, कुछ हल निकाला जाए।