केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर आतंकवाद के जरिए भारत के खिलाफ छद्मयुद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है। सिंह ने कहा कि हमने इस मुद्दे पर कई देशों को भरोसे में लिया है। हम कूटनीतिक उपाय भी कर रहे हैं। आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त अरब अमीरात के साथ सहयोग व खुफिया सूचनाओं को साझा करने के लिए हुए समझौते पर सिंह ने कहा कि यह हमारी बड़ी कूटनीतिक जीत है।
गृह मंत्री यहां हिंदुस्तान मीडिया वेंचर लिमिटेड की ओर से आयोजित शिखर समागम में ‘भारत की प्रगति और सुरक्षा की दशा व दिशा’ विषय पर बोल रहे थे। सिंह ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन कर रहा है। लेकिन भारत भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के साथ लगी देश की सीमाएं बहुत संवेदनशील हैं। इसे ध्यान में रखकर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा जाता है। सिंह ने कहा कि नेपाल और भूटान से लगी सीमा पर कोई समस्या नहीं है लेकिन बांग्लादेश और म्यांमा की सीमाएं एक्टिव हैं।
जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से होने वाली घुसपैठ के बारे में सिंह ने दावा किया कि राजग सरकार के सत्ता में आने के बाद घुसपैठ की घटनाएं कम हुई हैं। 2013 में घुसपैठ की 277, 2012 में 264 घटनाएं हुई थीं जबकि 2014 में 52 घटनाएं हुईं। इस साल अब तक केवल 15 घटनाएं हुई हैं। मोदी सरकार ने घुसपैठ के खिलाफ सख्त चौकसी बरती है। घुसपैठ करते 130 आतंकी मारे गए हैं, जबकि 2013 में 110 और 2012 में 67 आतंकवादी घुसपैठ करते मारे गए थे।
सिंह ने कहा कि आतंकी संगठन आइएस भारत में अपनी जड़ें नहीं जमा पाएगा और इसका श्रेय देश के मुसलमानों को जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ युवक भटक कर आइएस की तरफ झुकने लगते हैं तो उनके अभिभावक उन्हें सही रास्ता बताते हैं। कुछ परिवारों ने तो इस बारे में मुझसे संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती सामरिक ताकत से राष्ट्रविरोधी तत्त्वों को परेशानी हो रही है। उन्होंने चीन के बारे में कहा कि उसके साथ सीमा विवाद है। सरकार उसे सुलझाने की कोशिश कर रही है। नक्सली उग्रवाद को बड़ी चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि 10 राज्यों के 125 जिले इससे प्रभावित हैं। उन्होंने साइबर अपराध को भी बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि उससे निपटने की तैयारी लगातार चल रही है।
सिंह से पूछ गया कि भाजपा या संघ के कुछ लोग ऐसे बयान दे देते हैं जो सांप्रदायिक सौहार्द के लिए ठीक नहीं, उन्होंने कहा कि एक-दो लोगों की टिप्पणी को पार्टी के साथ जोड़ना ठीक नहीं है। हमारा केंद्रीय नेतृत्व क्या कह रहा है और हमारी नीतियां क्या हैं, उन्हें देखा जाना चाहिए। विपक्ष के इस आरोप पर कि आरएसएस मोदी सरकार को चला रहा है, सिंह ने कहा- हम संघ के स्वयंसेवक हैं और रहेंगे। लेकिन वे हमारे कामकाज के बारे में कोई रिपोर्ट कार्ड नहीं मांगते।
संसद के मॉनसून सत्र की बर्बादी के सवाल पर सिंह ने कहा कि राजग सरकार विपक्ष की अनदेखी नहीं करना चाहती। स्वस्थ जनतंत्र में विपक्ष की राय का सम्मान जरूरी है। उन्होंने वस्तु व सेवा कर विधेयक पर विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि हमने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर अड़ियल रुख नहीं अपनाया। इसलिए कि हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। क्या बिहार विधानसभा चुनाव केंद्र सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर लड़े जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दल चुनाव को चुनौती के तौर पर लेते हैं और जीतने के लिए लड़ते हैं। हम भी वही कर रहे हैं।