पचास साल पहले 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने हवा और जमीन से एक साथ भारत के कई सैन्य ठिकानों पर हमला कर दिया था। पाकिस्तान की तरफ से शुरू की गई लड़ाई ने दोनों देश के बीच युद्ध की शुरुआत की। भारत ने भी पाकिस्तानी हमलों का करारा जवाब देते हुए युद्ध का खात्मा किया। दोनों देशों के बीच हुए युद्ध के खात्मे के साथ ही एक नए देश बांग्लादेश का निर्माण हुआ। 

3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान वायु सेना ने पश्चिमी क्षेत्र में खासकर पंजाब, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा और राजस्थान में भारतीय वायु सेना के हवाई अड्डों और रडार स्टेशनों पर हवाई हमले करने शुरू कर दिए। हवाई हमले में पठानकोट और अमृतसर के रनवे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। इस हमले में अमृतसर के रडार स्टेशन को काफी नुकसान पहुंचा। पाकिस्तानी वायुसेना ने इसका नाम ऑपरेशन चंगेज खान रखा था।

इसके बाद पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों ने श्रीनगर और अवंतिपोरा के हवाई अड्डों पर हमला किया। साथ ही दुश्मन देश ने पंजाब के फरीदकोट में बने रडार स्टेशन को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। पाकिस्तानी वायुसेना के हमले में श्रीनगर और अवंतिपोरा के हवाई अड्डों को तो ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन फरीदकोट का रडार स्टेशन काफी क्षतिग्रस्त हो गया।

पंजाब और जम्मू कश्मीर में भारतीय वायु सेना के अड्डों पर हमला करने के बाद पाकिस्तान ने आगरा, हरियाणा के अंबाला और सिरसा एवं पंजाब के लुधियाना में हवाई हमले करने शुरू कर दिए। पाकिस्तानी वायु सैनिकों ने आगरा के रनवे पर बम भी गिराए लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा। बाद में भी इसी रनवे का उपयोग कर भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए। इसके अलावा पाकिस्तान ने  राजस्थान के उत्तरलाई, जोधपुर एवं जैसलमेर और गुजरात के भुज एवं जामनगर में भी हवाई हमले किए।

इन हवाई हमलों के अलावा पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भी हमले करने शुरू कर दिए और भारतीय सेना की चौकियों पर गोला बारूद बरसाना शुरू कर दिया। पाकिस्तानी सेना ने 3 दिसंबर 1971 को पुंछ, कारगिल इलाकों में भारतीय चौकियों पर हमला किया और साथ ही श्रीनगर-लेह राजमार्ग और अखनूर इलाके में भी दहशत फैलाने की कोशिश की। पाकिस्तानी सेना ने पंजाब और राजस्थान में अग्रिम भारतीय चौकियों पर भी गोलीबारी शुरू कर दिया। एक दिन बाद 4 दिसंबर को राजस्थान के लोंगेवाला सेक्टर में भी पाकिस्तान ने हमला शुरू किया लेकिन भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना ने दुश्मन देश के इरादे को नेस्तानाबूद कर दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी टैंकों को भी भयंकर नुकसान पहुंचाया।

वहीं भारतीय वायुसेना ने भी पाकिस्तानी वायुसेना के हवाई अड्डों और रडार स्टेशनों पर हवाई हमले करने शुरू कर दिए। भारतीय वायुसेना ने पश्चिमी पाकिस्तान के मुरीद, मियांवाली, सरगोधा, चंदेर, रिसालेवाला, रफीकी और मसरूर में हमले किए। वहीं भारतीय वायुसेना ने पूर्वी पाकिस्तान में कुर्मी टोला, चटगांव, जेसोर और तेजगांव में भी बम बरसाए।

भारतीय वायुसेना के हमले में पाकिस्तान के सरगोधा और मसरूर हवाई अड्डों को भयंकर नुकसान पहुंचा। जिससे पाकिस्तान सेना कई दिनों तक इन रनवे से उड़ान नहीं भर सकी। भारतीय वायुसेना ने दो दिनों में ही पूर्वी पाकिस्तान से पाकिस्तानी वायुसेना को खदेड़ दिया। इसके बाद भारतीय नौसेना ने भी पाकिस्तान के कई युद्धक पोत तबाह किए। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 3 दिसंबर की रात को ही युद्ध का ऐलान कर दिया था। इसके बाद दोनों देशो के बीच शुरू हुआ यह युद्ध करीब 13 दिनों तक चला। बाद में 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने 93 हजार से ज्यादा सैनिकों के साथ सरेंडर किया और हिंदुस्तानी लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।