जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद अपनी कई नापाक साजिशों में नाकाम हो चुके पाकिस्तान ने अब घुसपैठ का नया तरीका अपनाया है। पाकिस्तानी सेना अब ड्रोन्स के जरिए इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी से कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश करने में जुटी है। शुक्रवार शाम को भी पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर के सांबा सेक्टर में दो ड्रोन्स आए। भारत की बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने इन्हें देखकर फायरिंग भी की।
बीएसएफ के सूत्रों के मुताबिक, यह घटना शाम करीब 6 बजे की है। पाकिस्तान के एक ड्रोन को भारतीय क्षेत्र में 500 से 700 मीटर अंदर उड़ते देखा गया। ये ड्रोन चक फकीरा बॉर्डर आउटपोस्ट के नजदीक भारतीय एयरस्पेस में मौजूद थे। तब इस आउटपोस्ट को 48 बीएसएफ हेडक्वार्टर पंजटीला सांबा यूनिट संभाल रही थी। बताया गया है कि ड्रोन पाकिस्तान की चमन खुर्द पोस्ट से आया, जो कि बॉर्डर के उस पार चक फकीरा के ठीक सामने मौजूद है।
बताया गया है कि बॉर्डर पोस्ट पर तैनात जवानों ने ड्रोन पर 80-90 राउंड्स फायरिंग की, पर वह पाकिस्तान लौटने में कामयाब हो गया। एक दूसरे ड्रोन को भारतीय एयरस्पेस में 700 मीटर अंदर पाया गया। यह भी जमीन से एक किमी ऊपर चक फकीरा बॉर्डर पोस्ट के पास ही उड़ रहा था और फायरिंग के बाद निकल भागने में कामयाब रहा।
पिछले महीने भी ड्रोन से हुई थी घुसपैठ: बता दें कि पिछले महीने ही जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना के जवानों ने एक पाकिस्तानी सेना के कॉडकॉप्टर को मार गिराया। यह ड्रोन चीनी कंपनी डीजेआई माविक-2 प्रो मॉडल का था। यह ड्रोन करीब एक घंटे से सीमा के आसपास मंडरा रहा था। गोली लगते ही क्वॉडकॉप्टर 70 मीटर भारत की तरफ केरन सेक्टर में गिरा। यह क्वॉडकॉप्टर पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का हिस्सा था।
पाकिस्तान भारतीय क्षेत्र की जासूसी करने के लिए अब ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहा है। साथ ही इनके जरिए वह आतंकियों को हथियार और जरूरी सामान पहुंचाने की कोशिश करता है। सीमा पार से आतंकवादियों के हैंडलर्स को हथियार या अन्य सामान भेजने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना नया तरीका है। इससे पहले पाकिस्तान सीमा पार से आतंकियों को हथियार पहुंचाने के लिए अनमैन्ड एरियल वीकल्स का इस्तेमाल करता रहा है।