भारत ने पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव को मौत की सजा देने के मुद्दे पर पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को सम्मन किया और इस सेवानिवृत्त भारतीय नौ सैन्य अधिकारी तक राजनयिक पहुंच की फिर से मांग की। सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को तलब किया और दोहराया कि जाधव निर्दोष हैं और उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।

शाह को तलब किये जाने से पांच दिन पहले भारतीय राजदूत गौतम बंबावले ने पाकिस्तान के विदेश सचिव से मुलाकात करके इस मामले में आरोप पत्र तथा सेना अदालत के आदेश की सत्यापित प्रति के अलावा इस अधिकारी तक राजनयिक पहुंच की मांग की थी। बंबावले ने बैठक के बाद कहा था, ‘‘हम निश्चित रूप से फैसले के खिलाफ अपील करना चाहते हैं लेकिन हम तब तक ऐसा नहीं कर सकते जब तक कि हमारे पास आरोपों की जानकारी और फैसले की प्रति नहीं हो। इसलिए मेरी मांग यह थी कि हमें आरोप पत्र की जानकारियां और फैसले की प्रति उपलब्ध कराई जाए।’’

इससे उलट पाक अधिकारियों का दावा है कि पूछताछ के दौरान जाधव ने जासूसी और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने की बात कबूली है। जाधव को सैन्य अपील अदालत में अपील करने या दया के लिए सेना प्रमुख को याचिका देने का अधिकार है। संविधान के तहत, पाकिस्तान के राष्ट्रपति जाधव को क्षमा कर सकते हैं। गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों में कड़वाहट आ गई है। पाकिस्तान सेना ने एक बार फिर कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने से इनकार कर दिया है। पाक सेना के प्रक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने इस पर कहा है कि जाधव के मसले पर कोई समझौता नहीं हो सकता। कुलभूषण पाक विरोधी गतिविधियों में शामिल था, इसलिए हम जाधव तक राजनयिक पहुंच नहीं दे सकते।