Pakistan Oil Reserves: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ ऑयल डील की है और यहां तक दावा कर दिया कि एक दिन पाकिस्तान भारत को तेल बेचेगा। ऑयल डील के बीच ही इस बात को लेकर सवाल उठा कि ट्रंप पाकिस्तान के साथ तो डील कर रहे हैं लेकिन भारत पर इससे ठीक एक दिन पहले उन्होंने 25% का टैरिफ क्यों लगा दिया?
इस डील से कई लोग हैरान भी हुए क्योंकि पाकिस्तान तेल उत्पादन और इसकी खोज के लिए उस तरह जाना-पहचाना नाम नहीं है, जैसे सऊदी अरब, इराक या वेनेजुएला। पाकिस्तान ऊर्जा के आयात पर निर्भर है, उसका हाइड्रोकार्बन उत्पादन घट रहा है, और तेल और गैस की खोज का उसका रिकॉर्ड कमजोर है। बड़ी तेल कंपनियों ने वहां निवेश से दूरी बनाए रखी है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान के पास कच्चे तेल के भंडार 234 से 353 मिलियन बैरल के बीच हैं जबकि भारत का आंकड़ा इस मामले में बहुत बेहतर है और यह 4.8 से 5 अरब बैरल है। यह पाकिस्तान से लगभग 14 गुना ज्यादा है। तेल भंडार के मामले में पाकिस्तान दुनिया में 50वें से 55वें नंबर के बीच है जबकि भारत की मौजूदगी 20वें स्थान के आसपास है।
भारत के पास ज्यादा है तेल
बात अगर प्राकृतिक गैस की करें तो भारत के पास 1.15 बिलियन क्यूबिक मीटर (bcm) के प्रमाणित भंडार हैं, जो पाकिस्तान के 0.43 bcm से 2.7 गुना ज्यादा हैं। तेल उत्पादन के मामले को देखें तो अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान केवल 60,000 बैरल तेल प्रतिदिन निकालता है, जबकि भारत 580,000 बैरल प्रतिदिन तेल का उत्पादन करता है। आंकड़े साफ करते हैं कि भारत पाकिस्तान से कहीं आगे हैं। इन आंकड़ों के आधार पर ट्रंप का यह बयान कि पाकिस्तान भारत को तेल बेचेगा, सिर्फ हवा-हवाई ही लगता है।
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2015 की रिपोर्ट में क्या है?
US Energy Information Administration (EIA) की 2015 की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि पाकिस्तान के पास 9.1 अरब बैरल (technically recoverable) शेल ऑयल रिसोर्स हैं जबकि इसी रिपोर्ट ने भारत के लिए यह अनुमान 3.8 अरब बैरल का लगाया था। हो सकता है ट्रंप ने इस रिपोर्ट के आधार पर ही दावा कर दिया हो।
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अमेरिका पाकिस्तान के तेल भंडार को विकसित करने के लिए इस्लामाबाद के साथ मिलकर काम करेगा लेकिन सवाल यह सामने खड़ा हो रहा है कि पाकिस्तान में आखिर वह तेल के भंडार कहां हैं? क्या पाकिस्तान के पास वाकई इतना तेल है?
दो और मजबूत सवाल हैं।
पहला यह कि अगर पाकिस्तान के पास इतना बड़ा तेल का भंडार है तो वहां पेट्रोल इतना महंगा क्यों है? पाकिस्तान के लोग पेट्रोल के लिए 272 रुपए प्रति लीटर चुका रहे हैं। दूसरा यह कि पाकिस्तान के लोग ईरान से तेल की तस्करी करने के लिए क्यों मजबूर हैं?
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इमरान खान ने क्या कहा था?
यह बिल्कुल पता नहीं है कि पाकिस्तान के किस इलाके में यह तेल के भंडार मौजूद हैं और इन पर काम करने के बाद अमेरिका या पाकिस्तान को इससे क्या फायदा होगा? यहां पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के पुराने बयान का जिक्र करना पड़ेगा।
इमरान खान ने 2019 में दावा किया था कि पाकिस्तान में समुद्री किनारे में बड़े तेल और गैस के भंडार मौजूद हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि यह एशिया में सबसे बड़ा तेल और गैस का भंडार है। हालांकि तब इमरान खान के ऐलान के बाद वहां की पेट्रोलियम डिवीजन ने इससे इनकार किया था और कहा था कि उसे खुदाई में ऐसा कुछ भी नहीं मिला।
अमेरिका के लिए पाकिस्तान के साथ इस डील पर आगे बढ़ना मुश्किल होगा क्योंकि पाकिस्तान में जिन तेल भंडार की बात कही जाती है, वे ज्यादातर बलूचिस्तान में हैं लेकिन बलूचिस्तान में पहले से ही वहां के विद्रोही लड़ाकों ने सरकार और सेना के खिलाफ जंग का ऐलान किया हुआ है। पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने 2024 में कहा था कि बड़ी तेल कंपनियां- टोटल, शेल और एनी पाकिस्तान से बाहर जा चुकी हैं।
इसके अलावा ईरान से बड़े पैमाने पर पाकिस्तान में तेल की तस्करी होती है और हर दिन बड़े पैमाने पर लोग अपनी गाड़ियों से ईरान से तेल लेकर पाकिस्तान आते हैं। अगर पाकिस्तान में इतना ज्यादा तेल है तो लोगों को तेल की तस्करी करने के लिए मजबूर क्यों होना पड़ रहा है?
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पेट्रोल की कीमतों पर भड़क गए थे लोग
याद दिलाना होगा कि इस साल जुलाई में जब पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतें 5.36 रुपये का इजाफा हुआ था तो वहां भयंकर विद्रोह हो गया था। लोगों ने पूछा था कि वह तेल के लिए इतनी महंगी कीमत क्यों चुका रहे हैं?
पाकिस्तान पेट्रोलियम इन्फ़ॉर्मेशन सर्विसेज की ओर से दी गई जानकारी के हिसाब से देश में पिछले कुछ महीनों में तेल का उत्पादन 11 फीसदी तक कम हो गया है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान के साथ अमेरिका के द्वारा की गई ऑयल डील का क्या कोई मतलब है?
तेल की खोज और उत्पादन आसान नहीं
तेल की खोज और इसके उत्पादन में काफी पैसा लगता है और साथ ही वक्त भी। बेहद खराब आर्थिक दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए तेल की खोज और इसका उत्पादन करना आसान नहीं होगा। तेल भंडार का पता चलने के बाद इससे तेल निकालने में भी अरबों डॉलर चाहिए और पाकिस्तान के लिए यह कर पाना बेहद मुश्किल है क्योंकि उसके पास इतना पैसा नहीं है। देखना होगा कि अमेरिका इस काम में उसकी कितनी मदद करता है?