जाने-माने शास्त्रीय संगीतकार पंडित जसराज का देहांत हो गया। सोमवार को उन्होंने अमेरिका के न्यू जर्सी में अंतिम सांसें लीं। बेटी दुर्गा जसराज ने यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को दी है। वह 90 साल के थे और पद्म विभूषण से सम्मानित किए जा चुके थे। कुछ वक्त से वह परिजन के साथ यूएस में थे।

पंडित जसराज के परिवार ने एक बयान में कहा, ‘‘बहुत दुख के साथ हमें सूचित करना पड़ रहा है कि संगीत मार्तंड पंडित जसराज जी का अमेरिका के न्यूजर्सी में अपने आवास पर आज सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान कृष्ण स्वर्ग के द्वार पर उनका स्वागत करें जहां वह अपना पसंदीदा भजन ‘ ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ उन्हें समर्पित करें । हम उनकी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना करते हैं।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘आपकी प्रार्थनाओं के लिये धन्यवाद। बापूजी जय हो’ इस साल जनवरी में अपना 90वां जन्मदिन मनाने वाले पंडित जसराज ने आखिरी प्रस्तुति नौ अप्रैल को हनुमान जयंती पर फेसबुक लाइव के जरिये वाराणसी के संकटमोचन हनुमान मंदिर के लिये दी थी।

उन्होंने भारत के अलावा कनाडा और अमेरिका में भी संगीत सिखाया था, जबकि उनके कुछ शिष्य बाद में नामी गायक व संगीतकार बने। जनवरी, 2020 में वह 90 साल के हुए थे और पद्म विभूषण, पद्म भूषण व पद्म श्री अवॉर्ड्स से नवाजे जा चुके थे।

बीते साल International Astronomical Union ने मार्स और जुपिटर के बीच एक छोटे से प्लैनेट का नाम उनके नाम पर रखा था, जो कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में प्रमुख माने जाते हैं। उस मामूली सा गृह 2006 VP32 (संख्या-300128) था, जिसका नाम ‘पंडित जसराज’ रख दिया गया था। पंडित जसराज का पहला कॉन्सर्ट साल 1952 में हुआ था। उन्होंने तब नेपाल नरेश त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह के समक्ष प्रस्तुति दी थी। (भाषा इनपुट्स के साथ)