कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्‍त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की कंपनियों के दफ्तरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अफसरों ने बुधवार (16 दिसंबर) को छापे मारे। पंद्रह दिन में दूसरी बार उनकी कंपनियों पर छापे पड़े हैं। इससे पहले एक दिसंबर को छापामारी हुई थी। छापे टेलिकॉम घोटाले के एयरसेल-मैक्सिस केस के मामले में मारे गए। आरोप है कि पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन के भाई की कंपनी सन टीवी नेटवर्क के जरिए कई फर्म्स को पैसा ट्रांस्‍फर किया गया। इनमें कार्ति चिदंबरम की भी कंपनियों के नाम हैं।

एक दिसंबर को छापामारी के बाद नाराज पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर उन्‍हें और उनके परिवार को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया था। चिदंबरम ने कहा था, ‘अगर सरकार मुझे निशाना बनाना चाहती है सीधे तौर पर ऐसा करे। मेरे बेटे और उनके दोस्‍तों को परेशान नहीं करे। वे अपने बूते पर बिजनेस कर रहे हैं। उनका राजनीति से कोई सरोकार नहीं है। मैं और मेरा परिवार सरकार की ओर से चलाए जा रहे दुर्भावनापूर्ण हमले के लिए तैयार हैं। हम पहले भी बार बार यह साफ कर चुके हैं कि मेरे परिवार के किसी भी सदस्‍य के हित उन कंपनियों से नहीं जुड़े हैं, जिनको निशाना बनाया जा रहा है।”

ईडी ने अगस्त महीने में कार्ति की कंपनी के 2 सीनियर अफसरों को समन भी जारी किया था। पिछले एक साल से इस घोटाले की जांच ED कर रहा है। पिछले साल दिसंबर में ED ने एयरसेल-मेक्सिस केस में पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन से भी पूछताछ की थी।

कार्ति चिदंबरम की कंपनियों पर ईडी और आईटी की रेड दिल्‍ली में अरविंद केजरीवाल के सेक्रेटरी राजेंद्र कुमार के ठिकानों पर सीबीआई की छापामारी के एक दिन बाद हुई है। केजरीवाल ने इस छापामारी को राजनीति से प्रेरित बताया था और कहा था कि सीबीआई उस घोटाले से जुड़ी फाइलें उनके दफ्तर में ढूंढ रही थी, जिनमें अरुण जेटली के फंसने का डर है। केजरीवाल ने छापे डलवाने के लिए सीधे नरेंद्र मोदी को जिम्‍मेदार ठहराया था और उन्‍हें कायर तक कहा डाला था। इसके बाद ट्विटर पर केजरीवाल की किरकिरी भी हुई थी। भाजपा ने भी उनसे माफी की मांग की थी। इस छापामारी से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।