विपक्षी दलों के सामने एक अजीब सी मुश्किल खड़ी हो गई है। मुश्किल यह है कि विपक्ष खुद को किस नाम से पुकारे? जैसे वह खुद को INDIA ब्लॉक कहे या संयुक्त विपक्ष या फिर विपक्ष। संसद के मानसून सत्र के दौरान जब विपक्षी दल Special Intensive Revision (SIR) के मुद्दे पर एकजुट हुए तो INDIA ब्लॉक के नाम को लेकर यह बदलाव देखने को मिला। उपराष्ट्रपति चुनाव के मामले में भी विपक्ष एकजुट हुआ है।

विपक्ष के नेताओं ने कई मौकों पर कहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में बी. सुदर्शन रेड्डी संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार हैं ना कि INDIA ब्लॉक के। विपक्ष के एक वरिष्ठ सांसद का कहना है कि हम उन्हें विपक्ष का ‘संयुक्त उम्मीदवार’ बता रहे हैं और हम लोग विपक्ष शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि इसमें ऐसे दल भी शामिल हो सकें जो INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं हैं।

इस मामले में विपक्ष के एक सांसद कहते हैं, “कुछ हफ्ते पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि उनकी पार्टी INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं है लेकिन जब जस्टिस रेड्डी की उम्मीदवारी की बात सामने आई तो AAP भी हमारे साथ खड़ी हुई और इसलिए नाम बदला गया ताकि ऐसे विपक्षी नेता जो INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं हैं, उनके मतभेदों को दूर किया जा सके।”

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सर्वसम्मति से हुआ रेड्डी की उम्मीदवारी का फैसला

जस्टिस रेड्डी की उम्मीदवारी के ऐलान के वक्त भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बात पर जोर दिया था कि रेड्डी की उम्मीदवारी का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। उन्होंने कहा था कि यह खुशी की बात है कि विपक्ष के सभी दल एक नाम पर सहमत हुए और यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

AAP और तृणमूल कांग्रेस के कांग्रेस के साथ राजनीतिक रिश्ते अच्छे नहीं हैं। AAP का कांग्रेस के साथ हरियाणा और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर समझौता नहीं हो सका था। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच राजनीतिक लड़ाई है और दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आक्रामक रहे हैं।

एकजुट हो रहे विपक्षी दल

बिहार में SIR के खिलाफ जोरदार लड़ाई छेड़ने और उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी को किसी भी तरह की छूट ना देने को लेकर विपक्षी दल एकजुट होते दिख रहे हैं। कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने अपने दिल्ली स्थित आवास पर डिनर दिया था जिसमें टीएमसी के सांसद अभिषेक बनर्जी शामिल हुए थे।

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इसी तरह हाल में हुई विपक्षी दलों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में AAP सांसद संजय सिंह भी मौजूद रहे थे हालांकि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी साफ कर चुकी है कि वह कांग्रेस की चुनावी सहयोगी नहीं है। लेकिन सवाल बरकरार है कि INDIA ब्लॉक से संयुक्त विपक्ष या विपक्ष तक नाम बदले जाने से क्या होगा?

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