Operation Sindoor Shashi Tharoor: ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया को बताने के लिए भारत की ओर से भेजे गए डेलिगेशन में शामिल जिस नेता की सबसे ज्यादा चर्चा हुई, वह कांग्रेस के सासंद शशि थरूर हैं। शशि थरूर ने विदेश की धरती पर जाकर भारत के पक्ष को मजबूती से रखा और इसके लिए उन्हें बीजेपी के नेताओं का भी समर्थन मिला लेकिन कांग्रेस शशि थरूर को लेकर बेहद कंफ्यूज दिखाई दी।

बात यहां तक पहुंच गई कि शशि थरूर कांग्रेस के ही नेताओं के निशाने पर आ गए और उन्हें बीजेपी का सुपर प्रवक्ता तक बता दिया गया जबकि पहलगाम हमले के बाद कांग्रेस ने समझदारी दिखाते हुए सरकार के साथ पूरी एकजुटता दिखाई थी और नेताओं पर भी रोक लगाई थी कि वे किसी भी तरह के गैर जरूरी बयान ना दें।

BJP का सुपर प्रवक्ता कहे जाने पर शशि थरूर ने दिया तगड़ा जवाब

बाद में कांग्रेस ने विदेशों में डेलिगेशन भेजे जाने को ध्यान भटकाने की कोशिश बताया और इसमें शामिल किए गए नामों को लेकर भी सवाल उठाया। कहा जा सकता है कि कांग्रेस इस पूरे मामले को बेहतर ढंग से हैंडल नहीं कर सकी।

उदित राज के बयानों के बाद कांग्रेस की काफी फजीहत होती दिख रही है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर काफी कुछ कहा जा रहा है और ऐसा दिखाई देता है कि पार्टी ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि दूसरी पार्टियों से उनकी तुलना करना सही नहीं होगा क्योंकि बाकी विपक्षी पार्टियां एक ही नेता पर आधारित हैं।

उदित राज बोले- BJP नेताओं से ज्यादा थरूर कर रहे पीएम मोदी का गुणगान

बाकी विपक्षी दलों ने दिखाई समझदारी

कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दलों ने इस मामले में राजनीतिक समझदारी दिखाई और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बहुत ज्यादा सवाल नहीं पूछे। उन्होंने इस मुद्दे पर बहुत ज्यादा बात नहीं की और वह भी तब जबकि कई लोगों का ऐसा मानना है कि मोदी और बीजेपी ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं।

कांग्रेस के समर्थकों के भीतर इस बात को लेकर चिंता दिखाई दी कि इस मामले में पार्टी की बेहद दयनीय स्थिति लोगों के सामने आई है और वह शशि थरूर जैसे नेताओं को स्वीकार करने या उन्हें जगह देने के लिए तैयार नहीं है।

अभिषेक बनर्जी और असदुद्दीन ओवैसी

इस मामले में थोड़ा सा कंफ्यूज ममता बनर्जी भी दिखाई दीं जिन्होंने डेलिगेशन में शामिल किए गए अपने सांसद यूसुफ पठान का नाम वापस ले लिया और अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को डेलिगेशन के सदस्य के तौर पर भेजा। ममता बनर्जी ने चुनावी माहौल को देखते हुए वक्फ संशोधन कानून को बंगाल में लागू नहीं होने देने की बात कही तो अभिषेक बनर्जी ने जापान में पाकिस्तान पर खुलकर हमला बोला।

डेलिगेशन के सदस्यों में शामिल असदुद्दीन ओवैसी की एक अलग छवि देखने को मिली। ओवैसी ने पाकिस्तान को बेनकाब किया और अपनी बात को दमदार ढंग से रखने की वजह से उन्हें लेकर बनी परंपरागत छवि को तोड़ने की कोशिश की।

यह भी पढ़ें- अमेरिका की धरती से शशि थरूर ने आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को दिया क्लियर मैसेज