Pahalgam Terror Attack: संसद में जब ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो रही थी तो इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। पहलगाम के आतंकियों को ढेर करने के लिए ही ऑपरेशन महादेव चलाया गया था। अमित शाह ने बताया कि इन तीन आतंकियों के नाम- सुलेमान, अफगान और जिबरान हैं। शाह ने बताया कि बैसरन घाटी में 26 लोगों की हत्या के पीछे इन्हीं आतंकवादियों का हाथ था।

ऑपरेशन महादेव के पूरा होने के बाद आतंकियों से जो उपकरण बरामद हुए हैं उससे उनके पाकिस्तान से जुड़े होने के ठोस सबूत मिलते हैं।

आतंकियों से तीन मोबाइल फोन और दो LoRa (long range) कम्युनिकेशन सेट बरामद किए हैं। रक्षा सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि कम्युनिकेशन सेट से मिले डेटा से कई बड़ी जानकारियां सामने आई हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के दो NADRA (नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी) कार्ड की फोटो भी मिली हैं।

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आतंकियों से क्या बरामद हुआ?

आतंकियों से एक GoPro harness, 28 वाट का सोलर चार्जर, तीन मोबाइल चार्जर, एक स्विस मिलिट्री पावर बैंक, सुई-धागे, दवाइयां, एक चूल्हा, राशन और ढेर सारी चाय शामिल है। आतंकियों से हथियार और गोला-बारूद के अलावा, गांदरबल और श्रीनगर के दो स्थानीय लोगों के नाम से जारी हुए दो आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं।

कैसे मिल जाते हैं आधार कार्ड?

सूत्रों के मुताबिक, भारत में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादियों के लिए आधार कार्ड हासिल करना आसान होता है क्योंकि इससे उन्हें पुलिस चौकियों पर पकड़े जाने का खतरा नहीं होता। आधार कार्ड उन्हें ओवर ग्राउंड वर्कर्स के जरिये मिल जाते हैं या फिर ये उनके अपने भी हो सकते हैं।

आतंकियों से मिली इन तमाम चीजों से भारत को इस बात का भी पता चल सकता है कि घाटी में पिछले कुछ सालों से उनकी मदद कौन कर रहा था। LoRa सेट से इस बात का पता चलेगा कि आतंकियों के पिछले कुछ महीनों की क्या गतिविधियां थीं?

NADRA कार्ड पाकिस्तान सरकार की एजेंसी नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी द्वारा जारी किए गए राष्ट्रीय पहचान पत्र हैं। इससे कौन व्यक्ति पाकिस्तान का है, इस बारे में पता चलता है। चाहे वे पाकिस्तान में हों या फिर बाहर।

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LoRa सेट क्या करता है?

LoRa सेट लंबी दूरी की रेडियो कम्युनिकेशन तकनीक है। ये सेट सेल्युलर नेटवर्क या इंटरनेट पर निर्भर नहीं होते। LoRa सेट को किसी सैटेलाइट से जुड़ने की जरूरत भी नहीं होती। इनका इस्तेमाल आतंकवादियों और सीमा पार घुसपैठियों के द्वारा विशेष रूप से बॉर्डर वाले इलाकों में तेजी से किया जा रहा है।

भारतीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और घुसपैठियों से LoRa सेट बरामद किए हैं। LoRa सेट से भेजे गए संदेश इंटरसेप्ट नहीं किए जा सकते।

भारत ने की थी एयर स्ट्राइक

भारतीय खुफिया एजेंसियों को इन उपकरणों के मिलने के बाद आतंकियों के स्थानीय नेटवर्क के बारे में पता चल सकता है। इस बात का भी पता चल सकता है कि आतंकियों के मददगार कौन लोग हैं। याद दिलाना होगा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में चल रहे नौ आतंकी ठिकानों पर जोरदार एयर स्ट्राइक की थी।

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