राज्यसभा से बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पंजाब के दुर्दांत खालसा चरमपंथी जरनैल सिंह भिंडरावाले को संत बताया है। उन्होंने कहा है कि ऑपरेशन ब्लूस्टार सोवियत रूस की साजिश थी। शुक्रवार (सात जून, 2019) को उन्होंने इस बाबत ट्वीट में लिखा, “ऑपरेशन ब्लूस्टार सोवियत संघ की साजिश थी, ताकि हम (भारत) पाकिस्तान से अपने बचाव के लिए यूनियन ऑफ सोवियत सोशलिस्ट्स रिपब्लिक्स (यूएसएसआर) पर निर्भर रहें।”
स्वामी के मुताबिक, “वह टीडीके ही था, जो इंदिरा गांधी पर लगातार संत भिंडरावाले पर हमला कराने का दबाव बना रहा था।” भिंडरावाले को 1980 के दशक में सिख चरमपंथ का जनक माना जाता है। मां-बाप ने नाम जरनैल सिंह रखा, पर आगे चलकर इससे भिंडरावाले भी जुड़ गया। दरअसल, बेहद कम उम्र में सिख धर्म-ग्रंथों के बारे में शिक्षा देने वाले संगठन दमदमी टकसाल के मुखिया बनाए गए थे, इसलिए ऐसा हुआ। देखें, यह रहा बीजेपी सांसद का हालिया ट्वीटः
भिंडरावाले को बंदूक की संस्कृति से जोड़ कर देखा जाता है और उसकी पहचान एक खास समुदाय के नेता के नाते ही है। दमदमी टकसाल में अध्यक्ष पद पर उसकी नियुक्ति के बाद क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण और विमर्श भी कुछ-कुछ बदलने लगे। चूंकि, उन्हें जब संस्था का मुखिया बनाया गया था, तब दमदमी टकसाल और निरंकारियों के बीच टकराव और तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।
धोनो लोगो विवाद पर भी बोलेः स्वामी, सड़क और संसद से लेकर सोशल मीडिया तक खासा सक्रिय रहते हैं। भिंडरावाले और ऑपरेशन ब्लूस्टार वाले ट्वीट के बाद उन्होंने भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्ज पर बलिदान लोगो वाले विवाद पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने इस बाबत ट्वीट किया, “धोनी के लिए बिना मांगे मेरी ओर से सलाहः आईसीसी के नियम मानकर आप कुछ भी नहीं खोएंगे। विवाद को यहीं खत्म कीजिए, जिसका आपके प्रेरणादायी क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं है। भारत-विरोधी ताकतें तों चाहती ही हैं कि यह विवाद और बढ़े।”