उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले का गांव शरीफाबाद राजपुर केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय की ओर से तैयार ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के तहत आने वाली ग्राम पंचायत की रैंकिंग (जीपी रैंकिंग) में 87वें स्थान पर है। शीर्ष 100 गांवों में यह उत्तर प्रदेश का अकेला गांव है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां लोकसभा की 80 और राज्यसभा की 31 सीटें हैं।
इसके बाद भी प्रधानमंत्री द्वारा शुरू ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ का निराशाजनक प्रर्दशन रहा। इस गांव को गाजियाबाद से सांसद जनरल (सेवानिवृत) वीके सिंह ने गोद लिया है। सौ अंकों की रेटिंग पर शरीफाबाद राजपुर गांव को 87.31 अंक प्राप्त हुए हैं। ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ में शीर्ष सौ में केरल के चार गांव, ओड़ीशा के दो गांव और उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व झारखंड के एक-एक गांव शामिल हैं।
इस योजना में गुजरात और तेलंगाना ने बहुत अच्छा काम किया है। रैंकिंग में शीर्ष चार गांव तेलंगाना के हैं जबकि पांचवें, छठे, सातवें और आठवें स्थान पर गुजरात के गांव हैं। पहले स्थान पर तेलंगाना के यादाद्री जिले के कोलानपाका और भोंगीर गांव संयुक्त रूप से रहे। इन गांवों को 99.98 अंक प्राप्त हुए हैं। रैंकिंग में शीर्ष 50 में 29 गांव गुजरात के और 21 गांव तेलंगाना के हैं।
रैंकिंग में 80 फीसद से अधिक अंक अर्जित करने वाले गांव को हरे रंग से दर्शाया गया है। हरे रंग की सूची में कुल 122 गांव हैं। इस रैंकिंग में कुल 799 गांवों का शामिल किया गया है। इनमें से 50-80 फीसद अंक अर्जित करने वाले ग्रामों को पीले रंग में, 20-50 फीसद अंक अर्जित करने वाले गांवों को नारंगी रंग में और 20 फीसद से कम अंक प्राप्त करने वाले ग्रामों का लाल रंग से दर्शाया गया है। रैंकिंग के मुताबिक पीले रंग में 224 गांव, नारंगी रंग में 349 गांव और लाल रंग में 104 गांव शामिल हैं।
दिल्ली, पश्चिम बंगाल और चंडीगढ़ में 2019 के बाद कोई गांव नहीं लिया गया गोद
2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल, दिल्ली और चंडीगढ़ के लोगों ने भाजपा को भरपूर प्यार दिया। दिल्ली की तो सारी सीटों पर भाजपा की जीत हुई। इसके बाद भी दो केंद्रशासित प्रदेशों और एक राज्य में 2019 के चुनाव के बाद ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के अंतर्गत एक भी गांव को गोद नहीं लिया गया। वहीं, मणिपुर देश का अकेला ऐसा राज्य है जिसके सांसदों ने सोलहवीं और सत्रहवीं लोकसभा के दौरान 100 फीसद से अधिक गांवों को गोद लिया।
देश के आधा फीसद गांवों को ही लिया गया गोद
देश में कुल 6,65,482 गांव हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के दो कार्यकाल के दौरान ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के तहत सांसदों ने 3,308 गांवों को गोद लिया गया यानी करीब आधा फीसद गांवों तक ही सांसद पहुंचे। इनमें से 2,831 गांवों की ही विकास की योजना बन पाई।
कैसे तय होती है रैंकिंग
यह रैंकिंग ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के अंतर्गत चुने गए गांव के 12 मानकों के आधार पर तैयार की गई है। इन मानकों में ग्राम विकास योजना (वीडीपी) का मसविदा तैयार किया गया है या नहीं, वीडीपी के मसविदे को ग्राम सभा से मंजूरी मिली है या नहीं, वीडीपी को सांसद व जिला स्तर की समिति की मंजूरी मिली है या नहीं, वीडीपी को योजना की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है या नहीं, कितने फीसद प्रोजेक्ट पूरे हुए हैं, पूरी हुई गैर-बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की संख्या, पूरी हुई आर्थिक/आजीविका गतिविधियों की संख्या आदि शामिल हैं।