सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील और पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपना अटॉर्नी जनरल बनने का ऑफर दिया था। यह खुलासा खुद साल्वे ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान किया है।

उन्होंने Republic Media Network के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी से हुई बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। साक्षात्कार के दौरान Club House Room Chat Leak Case का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा- लोगों के पास काम नहीं हैं। सभी ट्रेड यूनियन के साथ भी ऐसा है। उनका समाजवाद से लेना-देना नहीं है। हमने जिस प्रकार की धर्मनिरपेक्षता को चलन में देखा, उसने लोगों को निराश किया। मैं कहता हूं कि मुझे भारत पर बहुत गर्व है। मैं बपतिस्मा क्रिस्चियन हूं, पर मुझे कभी भी नहीं लगा कि मेरे साथ भेदभाव हुआ हो।

पीएम के दिए ऑफर से जुड़ा वाकया बताते हुए साल्वे ने बताया, “नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने शुरुआती चीजों में जो चीजें की थीं उनमें से यह भी था कि उन्होंने दफ्तर जाने से पहले मुझे फोन लगाकर कहा था- ‘आओ और आकर मेरे (पीएम के) अटॉर्नी जनरल बन जाओ।’ यह सार्वजनिक जानकारी वाली बात है। उन्होंने कभी नहीं सोचा कि मैं बपतिस्मा क्रिस्चियन हूं या फिर मैं वही इंसान हूं जो कि गुजरात दंगा केस में ‘एमीकस क्यूरी’ था। ऐसे में भारत दिल से धर्मनिरपेक्ष है, क्योंकि हिंदू दिल से धर्मनिरपेक्ष हैं।”

वह इसी में जोड़ते हुए आगे बोले- औसत हिंदू धर्मनिरपेक्ष हैं। मेरे पिता कहा करते थे कि भारत में धर्मनिरपेक्षता को कोई ठेस नहीं पहुंचा सकता है, क्योंकि हिंदू दिल से धर्मनिरपेक्ष हैं और 85 फीसदी भारत में हिंदू हैं। ऐसे में यह तो बेहद सुंदर देश है। मुझे नहीं पता कि आखिरकार यह चर्चा का विषय क्यों हैं।

“आपके दिमाग में आखिर क्या रहता है?” देखें, उन्होंने पत्रकार के इस प्रश्न पर क्या जवाब दियाः