समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर शुरू हुई कवायद पर तंज कसते हुए कहा है कि यह प्रयोग सबसे पहले उत्‍तर प्रदेश में आजमाया जाना चाहिए। सरकार सबसे अधिक लोकसभा और विधानसभा सीटों वाले उत्‍तर प्रदेश में एक साथ चुनाव कराकर देख ले।

केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार को ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर एक कमेटी बनाई है, कमेटी पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में काम करेगी। कमेटी देश में एक साथ चुनाव की संभावनाओं का पता लगाएगी।

अखिलेश यादव ने आगे कहा ये केवल इंडिया गठबंधन की मीटिग को डिस्‍ट्रैक करने के लिए बोला गया है। ‘एक देश एक चुनाव’ सिर्फ धोखा देने के लिए किया गया है। यदि पूरे देश में एक साथ चुनाव हो जाए तो हमसे ज्‍यदा खुश और कौन होगा।

शनिवार को एक ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है। इसी के आधार पर हम ये सलाह दे रहे हैं कि ‘एक देश एक चुनाव’ करवाने से पहले भाजपा सरकार इस बार लोकसभा के साथ-साथ सरकार सबसे अधिक लोकसभा और विधानसभा सीटों वाले उत्‍तर प्रदेश में एक साथ चुनाव कराकर देख ले।

इससे एक ओर जहां चुनाव आयोग की क्षमता का पता चलेगा वहीं दूसरी ओर जनमत का भी साथ ही भाजपा को ये भी पता चल जाएगा कि जनता किस तरह भाजपा से आक्रोशित है और उसे सत्‍ता से हटाने के लिए कितना व्‍याकुल है।

बता दें कि इसके पहले गठबंधन INDIA की मुम्‍बई में हुई बैठक के दूसरे दिन भी सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव का अलग स्‍टैंड सामने आया था। ‘एक देश एक चुनाव’ का मुद्दा गठबंधन इंडिया की बैठक से ध्‍यान भटकाने के लिए लाया गया है।

2014 में सत्ता में आने के बाद से, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लगभग निरंतर चुनाव होने के कारण होने वाले वित्तीय बोझ और मतदान अवधि के दौरान विकास कार्यों को झटका लगने का हवाला देते हुए एक साथ चुनाव के प्रबल समर्थक रहे हैं। हालांकि, विपक्षी नेताओं ने इसे सत्तारूढ़ भाजपा की ध्यान भटकाने वाली रणनीति बताया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने समिति के गठन का कोई सीधा संदर्भ दिए बिना, एक्स पर कहा, ‘सत्तारूढ़ शासन लोगों पर चाहे कितने भी भटकाव क्यों न डाले, भारत के नागरिकों को अब धोखा नहीं दिया जाएगा।’