पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के तबादले पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सीएम ममता ने कहा कि सरकार को आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को लेकर बदले की राजनीति नहीं करनी चाहिए। ममता ने यहां तक कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बंगाल चुनाव में हुई अपनी हार को पचा नहीं पा रही है। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का कार्यालय “फर्जी, एकतरफा और विभाजनकारी खबरें” फैला रहा है। ममता ने कहा, “आप मेरा इस तरह अपमान न करें।हमें चुनाव में बड़ी जीत मिली इसलिए आप ऐसा बर्ताव कर रहे हैं? आपने सारी कोशिश लेकिन फिर भी हार गए। आप हमारे साथ इस तरह रोज क्यों लड़ रहे हैं?”
ममता ने कहा, “मैंने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की योजना बनाई थी। मुझे चक्रवात यास से हुए नुकसान को देखने के लिए सागर और दीघा की यात्रा करनी पड़ी। मेरी सारी योजनाएँ बनी और तैयार थीं … फिर अचानक हमें एक फोन आया कि प्रधानमंत्री चाहते हैं चक्रवात के बाद की स्थिति का आकलन करने के लिए बंगाल का दौरा करें। जब तक पीएम-सीएम की बैठक होनी थी, तब तक हमें पता चला कि पीएम कुछ समय पहले ही वहां पहुंच चुके थे और वहां मीटिंग चल रही थी। हमें बाहर रुकने को कहा गया, कहा गया कि इस समय कोई एंट्री नहीं होगी क्योंकि मीटिंग चल रही है। हमने थोड़ी देर धैर्यपूर्वक इंतजार किया। फिर, जब हमने फिर से पूछा, तो हमें बताया गया कि कोई अगले 1 घंटे तक प्रवेश नहीं कर सकता।हमने अपनी रिपोर्ट पीएम को सौंपने का फैसला किया और फिर प्रधानमंत्री की अनुमति से हम दीघा गए। मैंने प्रधानमंत्री की अनुमति मांगी थी तीन बार। ”
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच एक बैठक को लेकर विवाद के बाद केंद्र ने राज्य से पश्चिम बंगाल के शीर्ष नौकरशाह को वापस बुलाने का आदेश जारी किया है। केंद्र में शुक्रवार को उन्हें वापस बुलाने का आदेश आने से पहले बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय का कार्यकाल केवल चार दिन पहले तीन महीने के लिए बढ़ाया गया था। केंद्र ने बंगाल को 31 मई की सुबह तक बंद्योपाध्याय को दिल्ली में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के कार्यालय में भेजने के लिए कहा है।
दरअसल सीएम बनर्जी ने चक्रवात यास के प्रभाव का आकलन करने के लिए पीएम मोदी के साथ एक बैठक छोड़ दी थी। उन्हें पीएम मोदी के साथ चक्रवात क्षति की समीक्षा में शामिल होना था। केंद्र ने आरोप लगाया कि बनर्जी ने पीएम मोदी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ को आधे घंटे तक इंतजार कराया।
तृणमूल कांग्रेस ने शीर्ष अधिकारी को वापस बुलाने के केंद्र के कदम की आलोचना की। तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर राय ने कहा, “क्या आजादी के बाद से ऐसा कभी हुआ है? किसी राज्य के मुख्य सचिव की जबरन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति। मोदी-शाह की भाजपा कितनी नीचे गिरेगी? सब इसलिए कि बंगाल के लोगों ने दोनों को अपमानित किया और भारी जनादेश के साथ ममता बनर्जी को चुना।”