हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि हमारा ध्येय लोगों को राहत पहुंचाना है। सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके। उनका कहना था कि मरा हुआ व्यक्ति हमारे शोर मचाने से जीवित तो नहीं हो जाएगा।
दरअसल, सीएम से पत्रकारों ने सवाल पूछा था कि रोजाना 20-22 मौतें हो रही हैं, पर डेटा नहीं दिया जा रहा है। सीएम का कहना था कि ये वैश्विक महामारी है। इसके बारे में किसी को नहीं पता था। जो हुआ अचानक हुआ। अब हमारा जोर लोगों की जान बचाने पर है। कैसे स्वास्थ्य सेवाएं दुरूस्त रहें और लोगों को राहत मिलती रहे। सरकार इसी दिशा में लगातार और शिद्दत से काम कर रही है।
#WATCH | Haryana CM Manohar Lal Khattar says, "Iss sankat (#COVID19) mein humko data ke saath nahi khelna hai. We should focus on seeing how people can recover. The dead won't resurrect with furore over it. There is no point in a debate over the number of deaths…" (26.04) pic.twitter.com/27Kh9k0r6c
— ANI (@ANI) April 27, 2021
हरियाणा में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। सोमवार को प्रदेश में 11 हजार 504 लोग महामारी की चपेट में आए। बीते 24 घंटों के दौरान 75 मरीजों की मौत हो गई। इसके साथ ही प्रदेश में मृतकों की संख्या 3842 पहुंच गई है जिनमें 2540 पुरुष और 1301 महिलाएं हैं। इसके अलावा 1308 लोगों की हालत ङ्क्षचताजनक बनी हुई है जिनमें 1154 मरीज आक्सीजन तथा 154 लोग वेंटिलेटर पर हैं। प्रदेश में फिलहाल 79 हजार 466 एक्टिव केस हैं।
सरकार के रिकार्ड के अनुसार, बीते 24 घंटों के दौरान हिसार में नौ, गुरुग्राम और सिरसा में सात-सात, फतेहाबाद, फरीदाबाद और सोनीपत में छह-छह, अंबाला, रोहतक, भिवानी और जींद में चार-चार, करनाल, पानीपत व रेवाड़ी में तीन-तीन, कैथल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पंचकूला में दो-दो और नूंह में एक मरीज की मौत हुई है। जबकि सूत्र कहते हैं कि मरने वालों का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है। दिल्ली की तरह हरियाणा सरकार इसे छिपा रही है।
उधर, हरियाणा में भी हेल्थ सिस्टम लाचार साबित हो रहा है। सरकार ने संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए शाम 6 बजे के बाद दुकानें खोलने पर पाबंदी लगा दी है। केवल आवश्यक की श्रेणी की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। लेकिन मरीजों की रफ्तार में तेजी से वृद्धि हो रही है। हालांकि, सूबे के गृह मंत्री अनिल विज पल्ला झाड़कर कहते हैं कि दिल्ली से लगते जिलों में ही कोरोना के मरीज ज्यादा हैं। लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू डराने वाला है। संक्रमण का दायरा गांवों तक जा पहुंचा है।