मशहूर पत्रकार बरखा दत्त के साथ बातचीत में एलजेपी नेता चिराग पासवान ने कहा कि अभी उनकी प्राथमिकताएं कुछ और हैं। इसलिए तेजस्वी के साथ जाने के बारे में कुछ नहीं कह सकते। दरअसल, बरखा ने सवाल किया था कि क्या वो तेजस्वी के साथ मिलकर एक नया फ्रंट बनाने के बारे में कुछ सोच रहे हैं।

चिराग का कहना था कि अभी वो महाभारत सरीखी लड़ाई लड़ रहे हैं। वहां भी अपनों से ही मुकाबला था और यहां भी अपनों से ही लड़ाई है। उनका कहना था कि अपनों ने ही उन्हें साजिश के तहत अकेला छोड़ दिया। उन्हें सपने में भी इसका गुमान नहीं था। बकौल चिराग, बीते कुछ समय में जो कुछ भी उनके साथ हुआ है उसे देखकर वो ये नहीं कह सकते कि भविष्य में क्या होने वाला है।

चिराग का कहना था कि अभी कोई चुनाव नहीं है। लिहाजा इस समय कोई भी कदम उठाना जल्दबाजी होगी। अभी वो यात्रा निकाल रहे हैं। कानूनी तौर पर पार्टी को वापस पाने के लिए लड़ाई भी लड़ने जा रहे हैं। चाचा पारस ने जो किया वो संविधान के खिलाफ है, क्योंकि एलजेपी में सारी चीजें संसदीय बोर्ड तय करता है न कि सांसद।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इन दिनों जिस तरह लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान को साथ आने का न्योता दे रहे हैं, उससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलने वाले और उन्हें अपनी पार्टी में फूट का जिम्मेदार बताने वाले चिराग पासवान बीते दिनों खुद को लेकर बीजेपी की बेरुखी पर भी नाखुशी जाहिर कर चुके हैं।

तेजस्वी यादव ने कहा है कि चिराग पासवान अपने पिता राम विलास पासवान की विरासत को तभी आगे बढ़ा सकते हैं जब वो ‘आरएसएस की विचारधारा के ख़िलाफ़ संघर्ष का हिस्सा बनें। हालांकि, चिराग पासवान ने अभी बीजेपी और एनडीए से नाता तोड़ने का ऐलान नहीं किया है। न ही तेजस्वी यादव का ऑफ़र मंजूर किया है लेकिन वो तेजस्वी यादव को ‘छोटा भाई’ बता चुके हैं और ये भी जाहिर कर चुके हैं कि दोनों के बीच बातचीत होती है।