कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने पर कहा है कि कांग्रेस को ‘बड़ी सर्जरी’ की जरूरत है। मोइली ने कहा कि पार्टी को सिर्फ विरासत पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि नेताओं को जिम्मेदारी देते हुए वैचारिक प्रतिबद्धता को प्राथमिकता देनी चाहिए। दूसरी ओर फिलहाल पार्टी से अलग-थलग चल रहे जी-23 के एक और नेता कपिल सिब्बल ने कपिल सिब्बल ने जितिन प्रसाद जैसा कदम उठाने, यानी BJP में जाने की बात से साफ इंकार कर दिया है। सिब्बल ने यहां तक कह दिया है कि ऐसा उनके मरने के बाद ही हो सकता है।

क्या बोले वीरप्पा मोइली?: जितिन प्रसाद पर ‘व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा’ को सर्वोपरि रखने का आरोप लगाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआत से ही जितिन प्रसाद की वैचारिक प्रतिबद्धता संदेह के घेरे में थी और उनके प्रभारी रहने के दौरान पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का खाता नहीं खुलने का मतलब यह है कि वह अक्षम थे। मोइली कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को पार्टी के नेताओं का उचित आकलन करना चाहिए।

उन्होंने प्रसाद के भाजपा में शामिल होने पर तंज कसते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति काबिल नहीं होगा तो उसे कोई भी जन नेता नहीं बना सकता। पूर्व केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, कांग्रेस को इन चीजों को लेकर पुनर्विचार करने और नए सिरे से रणनीति बनाना चाहिए और इसके बाद ही पार्टी मजबूत हो सकती है। मोइली ने कहा, ‘‘पार्टी को सही लोगों के साथ पुनर्संगठित किया जाए और ऐसे अक्षम लोगों को जिम्मेदारी नहीं दी जाए जो परिणाम नहीं दे सकते। यह एक सबक है। इन घटनाक्रमों को देखते हुए कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत है।’’

‘पहले 2022 के चुनाव की तैयारी करें, वरना 2024 में होगी दिक्कत’: पिछले लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी में ‘बड़ी सर्जरी’ की पैरवी करने वाले मोइली ने एक बार फिर कहा कि कांग्रेस ने ‘बड़ी सर्जरी’ करने में देर कर दी और यह अभी करना जरूरी है क्योंकि आने वाले कल का इंतजार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘अगले साल सात राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बाद फिर 2024 में लोकसभा चुनाव होना है। अगर हम विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं तो फिर लोकसभा चुनाव में ज्यादा दिक्कत आएगी।’’

सिब्बल का सुझाव- कांग्रेस को सुधारों की सख्त जरूरत: पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में हर स्तर पर बदलाव करने की जरूरत बताने वाले नेताओं में शामिल कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस लीडरशिप अगर उनसे पार्टी छोड़ने को कहे तो वे इस बारे में तो सोच सकते हैं, लेकिन भाजपा में कभी नहीं जाएंगे। उन्होंने पार्टी में सुधारों की सख्त जरूरत बताते हुए कहा कि पार्टी लीडरशिप को अब सुनना होगा। अगर मुद्दों का समाधान होने के बावजूद किसी को लगता है कि उसे कुछ नहीं मिल रहा तो वह चला जाएगा।

सिब्बल ने आगे कहा, “जितिन के पास भी पार्टी छोड़ने के कारण हो सकते हैं। इसके लिए मैं उन्हें गलत नहीं ठहरा रहा बल्कि जिस वजह से वे BJP में गए हैं उसके लिए दोष दे रहा हूं। सिब्बल ने कहा कि मुझे भरोसा है कि पार्टी नेतृत्व को अपने लोगों की समस्याओं के बारे में पता है और उम्मीद है कि वे सुनेंगे। बिना सुने कुछ भी नहीं चल सकता। किसी कॉरपोरेट स्ट्रक्चर की तरह राजनीति में भी अगर आप नहीं सुनेंगे तो आपके बुरे दिन शुरू हो जाएंगे।