Hate Speech: हेट स्पीच की बढ़ती घटनाओं के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर इसके खिलाफ सरकार ‘मूक दर्शक’ की तरह क्यों खड़ी है? साथ ही मीडिया को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी तंत्र नहीं होने पर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने नफरत फैलाने वालों को अपनी डिबेट में जगह देने के लिए टीवी एंकरों की भूमिका पर भी सवाल उठाया। इस मुद्दे पर न्यूज 24 चैनल पर एक टीवी डिबेट के दौरान SC के वकील ने कहा कि नफरत के कारोबारी रात में काम करते हैं और ट्रेंड चलाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता ने कहा, “क्या अगर किसी फिल्म में सनी लियोनी है तो क्या आप उन्हें अश्लीलता के लिए जिम्मेदार मान सकते हैं? इसके पीछे क्योंकि डायरेक्टर है, प्रोड्यूसर है और पूरा मार्केट है। इसी तरह से नफरत के कारोबार के लिए एंकर को जिम्मेदार मानना मेरी समझ से समस्या का सरलीकरण है।”
नफरत के कारोबारी रात को काम करते: वकील विराग गुप्ता ने कहा, “नफरत के कारोबार को अगर मैं दूसरे शब्दों में बदल दूं तो ये पेड न्यूज है। नफरत के कारोबारी रात को काम करते हैं, ट्वीट करते हैं, पोस्ट होते हैं और अगले दिन सुबह सोशल मीडिया पर ट्रेंड चलाए जाते हैं। शाम को डिसाइड होता है कि किस मुद्दे पर चर्चा होनी है। उनका मकसद सिर्फ बेवकूफी की बातों पर चर्चा करना है।”
SC के वकील ने आगे कहा, “इससे तीन मकसद हल होते हैं। पहला उन्माद फैलाने का एजेंडा लेना, दूसरा गैर जरूरी बातों पर चर्चा करना जिससे गवर्नेंस के मुद्दे खत्म हों और तीसरा सनसनी पैदा कर टीआरपी लेना।” उन्होंने कहा कि यह एक पिरामिड है जहां से नफरत के और उससे जुड़े कारोबार बनते हैं।
सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों जिम्मेदार: विराग गुप्ता ने कहा, “इस पर रोक लगाने के लिए तीन लोगों ने काम किया। TRAI ने इस पर कई रिपोर्टें दीं जिन पर आज तक कोई काम नहीं हुआ। दूसरा चुनाव आयोग ने हेट स्पीच और तमाम चीजों पर रोक लगाने के लिए कई सुधार और अनुशंसा की। तीसरा लॉ कमीशन ने भी इस पर कई रिपोर्टें दीं जिन पर आज तक कोई काम नहीं हुआ।” उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को जिम्मेदार मानता हूं।