5 अगस्त 2019 को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए, जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इसके बाद से ही यहां के क्षेत्रीय दल समय-समय पर जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग उठाते रहते हैं। इसी मुद्दे को एक बार फिर अपनी पार्टी ने उठाया है जिसपर भाजपा के राज्यसभा सांसद ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पसंद आए तो अपनाएं या छोड़ दें।
एक न्यूज वेबसाइट के हवाले से एक खबर दी गई थी कि, अपनी पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री गुलाम हसन मीर ने विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने का आह्वान किया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इसी पर प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा सांसद ने ट्विटर पर शेयर की गई इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘बहाल करें? इसके पहले तय किया गया था कि यहां शासन की अस्थायी व्यवस्था की जाएगी। लेकिन यह 70 साल तक चल गया। अब हमारे पास यहां शासन की एक स्थायी व्यवस्था है, पसंद आए तो इसे अपनाएं या तो छोड़ दें।
इसके पहले, पार्टी की यूथ विंग द्वारा आयोजित सम्मेलन में बोलते हुए, गुलाम हसन मीर ने केंद्र शासित प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जताई और इस मुद्दे के हल के लिए आवश्यक उपाय करने की मांग की। मीर ने इस दौरान कहा, “भारत दुनिया भर में अपने लोकतंत्र के लिए जाना जाता है लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोग एक लोकतांत्रिक सरकार से वंचित हैं।” उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार की जरूरत है जो जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों की आकांक्षाओं का समान रूप से प्रतिनिधित्व करती हो।
मीर ने कहा, ”जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने से पहले केंद्र को राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में युवाओं के सामने आने वाली परेशानियों के हल निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। बता दें कि पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती भी जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने का पूरजोर विरोध करती रही हैं और आए दिन इसको लेकर वे केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधती रही हैं।