कांग्रेस पार्टी ने 14 दिसंबर 2025 को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली का आयोजन किया। इस रैली का नाम ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ रैली दिया गया। इस रैली में कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी और चुनाव आयोग पर निशाना साधा। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के आरोपों से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि INDIA ब्लॉक का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
इंडिया गठबंधन का हिस्सा है उमर अब्दुल्ला की पार्टी
उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस विपक्षी INDIA ब्लॉक का एक हिस्सा है, जिसमें लोकसभा में विपक्षी सांसदों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस के अभियान और चुनावी अनियमितताओं के आरोपों पर सवालों का जवाब देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, “INDIA ब्लॉक का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हर राजनीतिक पार्टी अपना एजेंडा तय करने के लिए स्वतंत्र है। कांग्रेस ने ‘वोट चोरी’ और SIR को अपना मुख्य मुद्दा बनाया है। हम उन्हें कुछ और बताने वाले कौन होते हैं?”
कांग्रेस ने क्या आरोप लगाए?
कांग्रेस ने दावा किया है कि उसने कथित “वोट चोरी” के खिलाफ लगभग छह करोड़ हस्ताक्षर इकट्ठा किए हैं और उन्हें भारत के राष्ट्रपति को सौंपने की योजना है। इससे पहले जब बिहार चुनावों के दौरान स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) चल रहा था, तो अब्दुल्ला ने दावा किया था कि बिहार के लोग ‘वोट चोरी’ के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग से असंतुष्ट हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव आयोग को अपनी स्वतंत्रता और निष्पक्षता के आदर्शों पर खरा उतरना चाहिए।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, “बिहार के लिए बनाई गई विशेष व्यवस्था को लेकर चिंताएं हैं, और यह सत्ताधारी गठबंधन के लिए कितनी उपयोगी होगी, यह नतीजे आने पर पता चलेगा। इसने बिहार के लोगों को चुनाव आयोग के कामकाज से बहुत असंतुष्ट कर दिया है। हमने हमेशा चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर गर्व किया है। मुझे लगता है कि चुनाव आयोग को उन आदर्शों पर खरा उतरना चाहिए।”
बिहार चुनाव पर उमर अब्दुल्ला का बयान
बिहार चुनाव में RJD के नेतृत्व वाले महागठबंधन को हार मिली। इसपर अब्दुल्ला ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव का नतीजा उनके लिए बडगाम उपचुनाव में अपनी पार्टी की हार से भी ज़्यादा चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने सत्ता विरोधी लहर को सत्ता समर्थक लहर में बदल दिया। उमर अब्दुल्ला ने कहा, “दूसरे राज्यों के लिए यह देखना अच्छा है कि नीतीश कुमार जी ने वोटर्स के लिए क्या किया। उन्होंने जाति की राजनीति को किनारे रखकर महिलाओं पर ध्यान दिया और ऐसी योजनाएं शुरू कीं जिनसे उन्हें राजनीतिक रूप से भी फायदा हुआ। जबकि कांग्रेस ने अपने ‘वोट चोरी’ कैंपेन से उत्साहित होकर INDIA ब्लॉक पार्टनर्स के बीच सीट-शेयरिंग को और मुश्किल बना दिया।”
अब्दुल्ला ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि संस्थानों में राजनीतिक दखलअंदाज़ी बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि संस्थानों में राजनीतिक दखलअंदाज़ी बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए और इसे गंभीरता से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने यह बात एक पावर प्रोजेक्ट के कामकाज और स्टाफ की नियुक्ति में कथित तौर पर एक बीजेपी विधायक की दखलअंदाज़ी की खबरों के जवाब में कही।
उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया, “कॉरपोरेशनों और विभागों के कामकाज में राजनीतिक दखलअंदाज़ी दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। राजनीतिक दखलअंदाज़ी नहीं होनी चाहिए। ऐसे मामलों को गंभीरता से देखा जाना चाहिए। पहले, ये संस्थान एक चुनी हुई सरकार के प्रति जवाबदेह थे, लेकिन अब उस सिस्टम के बिना ही फैसले लिए जा रहे हैं।”
